Lucknow: कई आईएएस ने एमआई बिल्डर्स में खपाई काली कमाई
लखनऊ से नोएडा तक आयकर छापों में करीब डेढ़ अरब का अघोषित लेन-देन और पांच करोड़ की नकदी बरामद
Sandesh Wahak Digital Desk: आईएएस अफसरों की काली कमाई का बड़ा जखीरा लखनऊ के चर्चित एमआई बिल्डर्स के प्रोजेक्टों में खपाया गया है। जिसका खुलासा बुधवार से जारी आयकर विभाग के छापों की कार्रवाई से हो गया।
अवैध फंडिंग और टैक्स चोरी के मामले में शुरू हुई आयकर की कार्रवाई की जद में नोएडा के पूर्व अध्यक्ष राकेश बहादुर के अलावा कई और आईएएस आ चुके हैं। एमआई ग्रुप के दफ्तर से करीब पांच करोड़ की नकदी और दस्तावेजों से तकरीबन डेढ़ सौ करोड़ के अघोषित लेनदेन का खुलासा आयकर अफसरों की जांच में हुआ है। एमआई ग्रुप से जुड़े अंकुर ट्रेडर्स की जांच भी आयकर अफसरों ने शुक्रवार को पूरी कर ली।
एमआई ग्रुप के मुखिया कादिर अली और राकेश बहादुर से कड़ी पूछताछ
दरअसल शुक्रवार को भी आयकर विभाग की 25 टीमों की लखनऊ से नोएडा तक एमआई बिल्डर्स और पूर्व आईएएस राकेश बहादुर के डेढ़ दर्जन ठिकानों पर कार्रवाई जारी रही। अफसरों ने पूर्व आईएएस राकेश बहादुर और एमआई ग्रुप के मालिक कादिर अली से लम्बी पूछताछ की है। जिसके बाद न सिर्फ राकेश बल्कि कई और आईएएस अफसरों की मुश्किलों में इजाफा दर्ज होने जा रहा है। एमआई ग्रुप पर आयकर विभाग का शिकंजा सुल्तानपुर रोड पर करीब दो अरब की जमीन को फर्जी तरीके से हथियाए जाने के बाद कसा है।
नकद लेन-देन और महंगी सम्पत्तियों को कौड़ियों के भाव खरीदकर हुआ खेल
लखनऊ, सुल्तानपुर, बाराबंकी में एमआई ग्रुप और नोएडा में जेपी ग्रीन टाउनशिप में राकेश बहादुर के विला को खंगालने के बाद आयकर को जो डिजिटल डेटा मिला है। उसमें अफसरों का निवेश सामने आया है। कई वर्तमान में प्रमुख पदों पर भी हैं। अफसरों की काली कमाई खपाने से जुडी जानकारी एमआई ग्रुप के हजरतगंज स्थित दफ्तर के कम्प्यूटर से जांच के दौरान बरामद हुई है। पूरा खेल नकद लेनदेन और मंहगी सम्पत्तियों को कौड़ियों के भाव खरीदने में छुपा है। बेहिसाब काली कमाई को खपाकर सफ़ेद किया गया है। एमआई ग्रुप ने ऐसे लेनदेनों का घोषित ब्योरा नहीं दिया।
शिकंजे में पूर्व आईएएस राकेश बहादुर का बेनामी साम्राज्य
पूर्व आईएएस और कभी नोएडा के सर्वेसर्वा रहे राकेश बहादुर के नोएडा की जेपी ग्रीन टाउनशिप में स्थित बेहद लग्जरी विला में आयकर विभाग को एमआई ग्रुप समेत अन्य क्षेत्रों और तमाम बिल्डरों के नामी प्रोजेक्टों में किये निवेश का कच्चा चिट्ठा मिला है। इनमें एनसीआर के प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। बिल्डरों के पास राकेश के अलावा नोएडा में तैनात रहे कई आईएएस ने काली कमाई का निवेश किया है। एनसीआर समेत पॉश शहरों में कई सम्पत्तियां हैं। जिनकी खरीद फरोख्त कम कीमतों पर दिखाई गयी है। अधिकांश दूसरों के नाम पर हैं, ऐसे में बेनामी ही कहा जाएगा। कई कंपनियों में निवेश से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं।
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