Lucknow: निजी एंबुलेंसों के खेल पर जागे स्वास्थ्य विभाग के अफसर, जांच कमेटी गठित
Sandesh Wahak Digital Desk : यूपी में एम्बुलेंसों के खेल पर शासन सख्त है। हाल ही में बाकायदा आदेश जारी करके मरीजों को सरकारी अस्पतालों से निजी एम्बुलेंसों द्वारा ले जाए जाने पर रोक लगाने के लिए शासनदेश भी जारी हुआ था। फिलहाल शासन की सख्ती पर स्वास्थ्य विभाग के अफसर हरकत में आये हैं।
सरकारी चिकित्सा संस्थान और अस्पतालों के बाहर खड़ी होने वाली निजी एंबुलेंस पर अब सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है। शासन के निर्देश पर सीएमओ की ओर से कमेटी गठित की गई है। कमेटी ने केजीएमयू के बाहर से तीन एंबुलेंस को पुलिस की मदद से जब्त करवाया है। अब यह कमेटी अस्पतालों के बाहर निजी एंबुलेंस की निगरानी भी करेगी।
केजीएमयू के बाहर से तीन एंबुलेंस पुलिस ने कीं जब्त
सरकारी चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में पहुंचने वाले गंभीर मरीजों की भर्ती न होने पर निजी एंबुलेंस संचालक व दलाल बरगलाकर उन्हें निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम में ले जाकर इलाज के नाम पर रुपये ऐंठते हैं। ऐसी तमाम शिकायतें व मामले संज्ञान में आने के बाद शासन के निर्देश पर कमेटी का गठन किया गया है। शासन की सख्ती के बाद बनी कमेटी ने शनिवार को केजीएमयू के बाहर अभियान चलाकर तीन निजी एंबुलेंस को जब्त करवाया।
निजी एंबुलेंस संचालक पर होगी कार्रवाई
सीएमओ की ओर से गठित कमेटी में एसीएमओ डॉ. बीएन यादव को सिविल और झलकारीबाई अस्पताल, डॉ. गोपीलाल को बलरामपुर, डिप्टी सीएम डॉ. एपी सिंह को लोहिया संस्थान, डॉ. आरएन सिंह को केजीएमयू का नोडल बनाया गया है। इसी तरह से अन्य मातहत अफसरों को दूसरे अस्पतालों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन सभी की जिम्मेदारी होगी कि निजी एंबुलेंस संचालक अस्पतालों के बाहर न दिखे। मरीजों को अपने जाल में न फंसा पाएं।
सीएमओ ने बताया कि अस्पतालों के बाहर खड़ी होने वाली एंबुलेंस के खिलाफ अभियान चलाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी की जिम्मेदारी होगी कि अस्पतालों के बाहर निजी एंबुलेंस न दिखे और अराजकता का माहौल न बने। इसमें नगर निगम, पुलिस का भी सहयोग लिया जाएगा।