डायल 112 : रातभर खुले आसमान के नीचे धरना देती रहीं सैकड़ों बेटियां, घरों में सोते रहे अफसर; हटाए गए ADG

Dial 112 Women Employees Protest : आधी आबादी को नजरअंदाज करके कोई भी समाज समर्थ और सशक्त नहीं हो सकता है, महिलाओं की सुरक्षा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं, ये कहना सीएम योगी आदित्यनाथ का है। जिन्होंने आधी आबादी के सम्मान और सुरक्षा के वास्ते हाल ही में मिशन शक्ति के चौथे चरण का आगाज भी किया है। इसके बावजूद जिस अंदाज में मंगलवार को आकस्मिक सेवा डायल 112 की सैकड़ों महिला कर्मियों के प्रदर्शन को कुचलने की नीयत से जिस अंदाज में खाकी का बदरंग चेहरा नजर आया। उसने मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी फेरते हुए विपक्ष को भी सरकार पर उंगली उठाने का मौक़ा दे दिया।

लखनऊ और गाजियाबाद में खुले आसमान के नीचे लड़कियों का धरना-प्रदर्शन जारी है। लड़कियां भीषण ठंड में कंपकंपाती रहीं। लखनऊ में ईको गार्डन में पुलिस के साथ PAC भी तैनात कर दी गई है।

नीरा रावत और अशोक कुमार

इसी बीच ADG अशोक कुमार को हटा दिया गया है। उनकी जगह पर नीरा रावत को नया ADG बनाया गया है। नीरा रावत वीमेन हेल्पलाइन 1090 की ADG रह चुकी हैं। अभी वह ADG प्रशासन थीं। अशोक कुमार को पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से अटैच किया है।

गाजियाबाद में धरने पर बैठी महिला कर्मचारियों में से कई की देर रात तबीयत बिगड़ गई। रात में धरने पर बैठने के लिए उनके पास न चादरें थीं, न कंबल। रातभर ठंड में वो ऐसे ही बैठी रहीं। इन लड़कियों को घर भेज दिया गया है। हालांकि अभी नौकरी से जुड़ी इनकी जो मांग है उसे लेकर सरकार की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिला है। डॉयल-112 के लखनऊ, गाजियाबाद के अलावा प्रयागराज में भी मुख्यालय है।

ईको गार्डन में PAC लगी, लड़कियों के मां-बाप भी पहुंचे

लखनऊ में सोमवार दोपहर से डायल-112 की लड़कियां धरना जारी है। पहली रात 112 के हेडक्वॉटर पर धरना दिया। मंगलवार सुबह सीएम ऑफिस जाने लगी तो पुलिस ने बैरिकेडिंग करके रोक दिया। बाद में खींच-खींचकर वैन में भरा और प्रदर्शनकारी लड़कियों को ईको गार्डन ले गए। यहां 200 से ज्यादा लड़कियां धरने में फिर से बैठ गईं। प्रशासन ने ईको गार्डन में पुलिस के साथ पीएसी लगा दी है। वहीं, लड़कियों के परिवार के लोग भी उनका हालचाल लेने के लिए ईको गार्डन पहुंचे।

पुलिस ने गर्भवती महिलाओं को भी नहीं बख्शा, खींचातानी में कई के कपड़े फटे, कई चोटिल 

मुकदमा लिख जाएगा, सबका करियर खराब हो जाएगा। पहले यह धमकी दी फिर खींच-खींच कर वैन में बिठाया। गर्भवती महिलाओं को भी नहीं बख्शा, जमकर धक्का मुक्की और रात भर खुले आसमान के नीचे धरना, ये मंजर पुलिस की आकस्मिक सेवा डायल 112 में आउटसोर्सिंग पर कार्यरत महिला कर्मियों के प्रदर्शन का है। जो सोमवार से शुरू होकर मंगलवार देर रात तक जारी था। प्रदर्शनकारी अधिकांश लड़कियां थी। सैकड़ों की तादाद में आंदोलनरत इन महिला कर्मियों को कानपुर रोड स्थित ईको गार्डन में पुलिस ने रखा है। विपक्ष के हस्तक्षेप के बाद सोशल मीडिया में भी मामले ने काफी सुर्खियां बटोरीं।

प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सीएम आवास जाने का किया प्रयास

मंगलवार सुबह तकरीबन आठ बजे जैसे ही प्रदर्शनकारी पांच महिला कर्मियों ने सीएम आवास जाने का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें कैंट की रज्मन बाजार पुलिस चौकी में बंद कर दिया। जिसके बाद शहीद पथ पर डायल 112 के मुख्यालय के बहार मौजूद सैकड़ों महिला कर्मी उग्र हो गयीं। उन्होंने सीएम आवास की तरफ कूच करने का जैसे ही प्रयास किया। मौके पर मौजूद भारी फ़ोर्स ने फिर पुलिसिया तेवर दिखाने शुरू कर दिए।

महिलाओं को जबरदस्ती खींच खींच कर पुलिस की गाड़ी में बिठाया जाने लगा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर मारपीट और अभद्रता का आरोप भी लगाया। प्रदर्शन कर रही एक लडक़ी प्रतिभा ने चिल्लाते हुए बताया कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने हमको घसीटा। इसमें हमारी साथियों के कपड़े फट गए। कई लड़कियां तो बेहोश हो गईं। पुलिस की सख्ती देखकर कई लड़कियां रोने लगी।

नई कंपनी अपने मनमाने एजेंडे पर काम करवा रही

अभी तक कंट्रोल रूम को मैन पावर उपलब्ध कराने का टेंडर MDSL/टेक महिंद्रा के पास था। जिसका कार्यकाल समाप्त होने पर 3 नवंबर से वी विन कम्पनी के पास आ गया। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने नई कंपनी को ठेका देकर पुराने कर्मचारियों को सड़क पर ला दिया। नई कंपनी अपने मनमाने एजेंडे पर काम करवा रही है। हम लोगों से शिफ्ट पूरी होने के बाद भी काम करवाया गया। हर घंटे के हिसाब से अतिरिक्त पैसे देने का लालच भी दिया गया। मगर कंपनी ने कुछ नहीं किया। यहां तक कि कंपनी ने अब तक हम लोगों को ऑफर लेटर भी नहीं दिया है। अगर हम लोग ऑफर लेटर की मांग करते हैं, तो नौकरी छोड़कर जाने और नॉन ट्रेंड लोगों को भर्ती करने की बात कही जाती है।

इन्हीं मांगों को लेकर लड़कियों ने प्रदर्शन शुरू किया। सोमवार से ये लड़कियों यूपी-112 के मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर रही थीं। मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास की तरफ जाते हुए उन्हें हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेजा गया था। धरना कर रही सविता, नेहा और ताप्सी ने आरोप लगाए हैं कि पुलिस शुरू से हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रही है। हमारे खिलाफ FIR भी हो सकती है।

कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने नई कंपनी को ठेका देकर पुराने कर्मचारियों को सड़क पर ला दिया। नई कंपनी अपने मनमाने एजेंडे पर काम करवा रही है। हम लोगों से शिफ्ट पूरी होने के बाद भी काम करवाया गया। हर घंटे के हिसाब से अतिरिक्त पैसे देने का लालच भी दिया गया। मगर कंपनी ने कुछ नहीं किया।

नौकरी से जुड़ी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही महिला कर्मचारी

दरअसल, 112 हेडक्वॉर्टर में ये लड़कियां कल यानी सोमवार से अपनी नौकरी से जुड़ी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। करीब 14-16 घंटे धरना-प्रदर्शन के बाद जब उनकी मांगों पर बात नहीं बनी, तो मंगलवार सुबह करीब 200 लड़कियां मुख्यमंत्री आवास की तरफ जाने लगीं। इस दौरान थोड़ी ही दूर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया। फिर प्रदर्शनकारी लड़कियां धरने पर बैठ गईं। इससे वहां ट्रैफिक जाम होने लगा।

इसके बाद पुलिस ने लड़कियों को ईको गार्डन जाकर प्रदर्शन करने के लिए कहा। मगर, वे लोग सीएम आवास जाने पर अड़ गईं। लड़कियां बैरिकेडिंग तोड़कर जाने लगीं, तो पुलिस वालों ने उनको पकड़ लिया। खींच-खींचकर वैन में भरना शुरू कर दिया। इस दौरान जमकर हंगामा और खूब बवाल हुआ। कई लड़कियां तो रोने लगीं। प्रदर्शन कर रही एक लड़की प्रतिभा ने चिल्लाते हुए बताया कि ‘पुरुष पुलिसकर्मियों ने हमको घसीटा। इसमें हमारी साथियों के कपड़े फट गए। कई लड़कियां तो बेहोश हो गईं’।

मुख्यमंत्री आवास जाते वक्त रोका, फिर हुई नोक-झोंक

सोमवार से ही डायल-112 मुख्यालय पर महिला कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन चल रहा था। डायल-112 के जरिए लोगों की मदद करने वाली लड़कियां पूरी रातभर सड़क पर बैठी रहीं। इस दौरान ADG-112 अशोक सिंह सहित अन्य पुलिस अफसरों ने लड़कियों को समझाने की कोशिश की। मगर लड़कियां अपनी मांगों पर अड़ी रहीं।

इसके बाद पुलिस-प्रशासन ने बिजली सप्लाई बंद कर दी। लड़कियां फिर भी सड़क से नहीं हटीं। मोबाइल की टॉर्च जलाकर सड़क पर बैठी रहीं। इसके बाद भी सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने तय किया कि मुख्यमंत्री आवास पर जाकर अपनी समस्या रखनी चाहिए। फिर वे पैदल चल पड़ीं। महिला कर्मचारियों के मुताबिक, सड़क पर ही उन्हें रोक लिया गया।

वहां महिला पुलिसकर्मी कम थीं, जबकि पुरुष पुलिसकर्मी ज्यादा। उन्हें वैन में जबरन बैठाया जाने लगा। जब महिला कर्मचारियों ने विरोध किया, तो अभद्रता शुरू कर दी। पुरुष पुलिसकर्मियों ने उन्हें खींचा। कई लड़कियों के कपड़े तक फट गए। उन्हें ईको गार्डन लाया गया। यहां सेवा प्रदाता कंपनी की तरफ से प्रतिनिधियों ने आकर उनसे मुलाकात की। उन्हें ऑफर लेटर दिए जाने का ऐलान किया। उन्हें शाम 6 बजे तक प्रदर्शन खत्म करने के लिए कहा गया है। हालांकि, महिला कर्मचारियों ने अभी धरना-प्रदर्शन जारी रखा है।

कर्मचारी पूजा ने कहा कि अखिलेश सर ने हमसे बात की है। उन्होंने कहा कि जो भी समस्याएं हैं, उन्हें बता दें, हल की जाएंगी। उसने बताया कि छीना-झपटी में कई महिला कर्मचारियों के कपड़े फट गए। कर्मचारी प्रतिभा कश्यप ने कहा कि हम 18 लाख नहीं मांग रहे हैं, जो इतना सख्त रुख अपनाया गया। गर्भवती महिलाओं को भी धक्का दिया गया।

सड़क की लाइटें कराईं बंद टॉयलेट भी नहीं जाने दिया

सोमवार रात पुलिस का व्यवहार प्रदर्शनकारी महिला कर्मियों के लिए वाकई हैरान करने वाला था। कर्मियों के मुताबिक शाम छह बजे के बाद सड़क की स्ट्रीट लाइट्स तक बंद कर दी गयी। आरोप यहां तक लगा कि टॉयलेट के लिए जाने पर टॉर्च और गाड़ियों की लाइटें जलाई गयीं। सडक़ को ही लड़कियों ने घेरकर वॉश रूम बना दिया। पानी तक नहीं लेने दिया गया। रात में पुरुष पुलिसकर्मियों को खड़ा किया गया। लड़कियां मोबाइल की टॉर्च जलाकर सड़क पर बैठी रहीं।

 

महिलाओं को आरक्षण देने की बात करने वाले हिरासत दे रहे : अखिलेश

सोशल मीडिया पर इस घटनाक्रम के कई वीडियो वायरल होने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि अब सुनने में आया है कि ‘डायल 100’ का ठेका भी पोर्ट, एयरपोर्ट, रेल की तरह किसी ‘प्रिय पार्टनर’ को दिया जा रहा है । महिलाओं को आरक्षण देने की बात करने वाले उन्हें हिरासत दे रहे हैं। कहीं नाम बदलनेवालों ने ‘आरक्षण’ का नाम ‘हिरासत’ तो नहीं कर दिया है।

को वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इस मामले में सीएम योगी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.