लखनऊ विकास प्राधिकरण: फर्जी रजिस्ट्री मामले में दिखावे की कार्रवाई
ठंडे बस्ते में चला गया रजिस्ट्री निरस्त किए जाने का प्रकरण
Sandesh Wahak Digital Desk : लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसर व कर्मियों की मिलीभगत से गोमती नगर में 16 भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री हुई। फिर इन भूखंडों पर मकान भी बनकर तैयार हो गए। इस मामले में बाबुओं को दोषी बताकर उनपर कार्रवाई कर दी गई। मगर, अफसरों को बचा लिया गया। यही नहीं, एलडीए ने भूखंड अभी तक अपने कब्जे में नहीं लिए हैं। रजिस्ट्री निरस्त किए जाने का मामला भी ठंडे बस्ते में हैं।
साल 2021 में लिखित शिकायत के जरिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) अफसरों को गोमती नगर में 22 भूंखड़ों के फर्जी रजिस्ट्री की जानकारी मिली थी। जांच में करीब 16 भूखंडों की रजिस्ट्री फर्जी साबित हुई। अफसरों ने मौके पर निरीक्षण भी किया। जांच के बाद इन्हे फर्जी घोषित कर दिया गया है।
कई भूखंडों पर रसूखदारों का कब्जा
इन भूखंडों की कीमत 35 करोड़ से अधिक की आंकी गई। जिनपर चार-चार मंजिला कोठियां बनी चुकीं हैं। किसी भूखंड पर दो, किसी पर तीन मंजिला मकान बने है। करीब आधा दर्जन भूखंडों पर बाउंड्रीवाल बनी हुई है। इन भूखंडों पर काबिज कई तो इतने रसूखदार हैं कि उनके खिलाफ कार्रवाई ठंडे बस्तें मे है।
मामले में दिलचस्प बात यह है कि इन मकानों का निर्माण बकायदा एलडीए से नक्शा पास कराकर कराया गया है। यह बात भी साफ है कि अभियंताओं की मिलीभगत के चलते ही सरकारी जमीनों पर निर्माण हुआ है। कर्मचारियों की आईडी से कंप्यूटर में इनकी फीडिंग भी की गई है। जिसके लिए नौ कर्मचारियों की आईडी का इस्तेमाल हुआ है।
धोखे से बेचे गए भूखंड एलडीए की इस जमीन को दलालों और प्रॉपर्टी डीलरों ने फर्जी तरीके से लोगों को बेचा है। एलडीए के छह भूखंडों पर बाउंड्री वॉल बनी मिली। इसकी भी फर्जी रजिस्ट्री कराने की बात सामने आ रही है। वहीं एक-दो मंजिला मकानों के बाहर विवादित होने का बोर्ड भी लगा हुआ है।
इनको किया गया बर्खास्त
गोमतीनगर व गोमतीनगर विस्तार में प्लाटों की फर्जी रजिस्ट्री के मामले में पिछले महीने लिपिक पवन कुमार को उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बर्खास्त कर दिया। ऐसे ही एक मामले में मार्च 2023 को लिपिक मुसाफिर सिंह व अजय वर्मा को बर्खास्त कर दिया गया। 2017 में लिपिक मुक्तेश्वर नाथ ओझा को तत्कालीन उपाध्यक्ष प्रभुएन सिंह ने बर्खास्त कर दिया था।
बाबुओं पर कार्रवाई, अफसरों पर मेहरबानी
पिछले एक दशक में एलडीए में फर्जी रजिस्ट्री के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं। जिनकी जांच भी हुई लेकिन किसी अफसर के खिलाफ आज तक कार्रवाई नहीं की गई। बताया जा रहा है कि फर्जी रजिस्ट्री में शामिल अफसरों की पहुंच व रसूख इतना ज्यादा है कि अफसर इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहे। ऐेसे में सबसे कमजोर कड़ी बाबू पर ही कार्रवाई की जा रही है।
Also Read : भ्रष्टों पर फुल टॉलरेंस : यूपी में तैनात आईआरएस अफसरों को बचाने का खेल