Lucknow : काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले कर्मियों से नहीं लिया जा रहा ब्यौरा

Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) में आए दिन भ्रष्टाचार के नए-नए मामले उजागर हो रहे हैं। फर्जी रजिस्ट्री से लेकर समायोजन घोटालों के बाद अब प्रवर्तन के इंजीनियरों की अवैध वसूली का मामला सुर्खियों में है। इस भ्रष्टाचार में लिप्त अफसर-कर्मचारी व इंजीनियरों की संपत्ति दिन दूने रात चौगुनी बढ़ती जा रही है।

 

डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी, एलडीए उपाध्यक्ष

एलडीए में आए दिन उजागर होते है अफसर-कर्मचारी व इंजीनियरों के काले कारनामे

एलडीए (Lucknow Development Authority) उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने प्रवर्तन अनुभाग के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए मोर्चा खोल रखा है। नतीजन पिछले सप्ताह प्रवर्तन अनुभाग से काली कमाई करने वाले दो इंजीनियर निलंबित कर दिए गए। एक दर्जन से ज्यादा इंजीनियरों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। उधर, करोड़ों के फर्जीवाड़े में शामिल कई बाबुओं पर भी कार्रवाई देखने को मिली है। मगर, ऐसे कर्मियों की अकूत संपत्ति पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा। एलडीए में नवाबी ठाठ वाले इन अफसर-कर्मचारी व इंजीनियरों की संख्या कम नहीं है।

अक्सर ये लोग सोशल मीडिया से लेकर एलडीए के विभिन्न व्हाटसएप ग्रुपों में सुर्खियों में रहते हैं। काली कमाई के दम पर ऐसे कर्मियों के पास लखनऊ समेत कई जिलों में पेट्रोल पंप, होटल, कॉम्प्लेक्स, गेस्ट हाउस, दर्जनों प्लाट-मकान व कई लग्जरी गाड़ियां हैं। अपने व परिवारजन के नाम चल-अचल संपत्ति खरीद कर अरबों के मालिक बन चुके हैं। मगर, इन कर्मियों से उनकी संपत्ति का ब्यौरा नहीं लिया जा रहा। ऐसे में बेलगाम कर्मियों के हौसले बुलंद हैं।

जेई के पास गोमती नगर में आधा दर्जन प्लाट-मकान

पिछले साल प्रवर्तन जोन-4 में तैनाती के दौरा सेवानिवृत्त हो चुके एक अवर अभियंता की बात करें तो उसने भी गोमती नगर के विभिन्न क्षेत्रों में आधा दर्जन प्लाट व मकान बना रखे हैं। इसके अलावा उसके पास कई व्यावसायिक संपत्तियां है।

शासन का आदेश, सभी को देना होगा ब्यौरा

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत यूपी सरकार ने सभी विभागों में कर्मियों की संपत्ति का ब्यौरा लेने के निर्देश दे रखे हैं। ब्यौरा न देने वाले अफसरों के लिए तो यहां तक आदेश था कि एक जनवरी 2024 के बाद होने वाली किसी भी डीपीसी में उनके नाम शामिल न किया जाए। ये प्रोन्नति कर्मचारियों और अधिकारियों को तबतक नहीं मिलेगी जब तक उनके द्वारा जानकारी नहीं दी जाएगी।

एलडीए इंजीनियर के पास कहां से आए 90 लाख

लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के प्रवर्तन अनुभाग में फैले भ्रष्टाचार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2021 में जेई चमन सिंह त्यागी के  लखनऊ स्थित ओमेक्स रेजीडेंसी के फ्लैट में चोरी हुई। त्यागी ने अपने  नौकर रिंकू पर दो लाख रुपए चोरी करने की एफआईआर लिखाई। नौकर पकड़ा गया तो उसके पास से 22 लाख रुपए बरामद हुए। सूत्रों का कहना है कि नौकर 90 लाख रुपए लेकर भागा था। जांच एजेंसियों से बचने के  लिए चमन ने केवल दो लाख रुपए गायब होने की एफआईआर करायी थी। बावजूद इसके त्यागी पर कार्रवाई की जगह उसे सेवानिवृत्त कर पेंशन दी  जा रही है।

राम विलास यादव

बड़े अफसरों ने भी एलडीए को लूटा

एलडीए (Lucknow Development Authority) के पूर्व सचिव राम विलास यादव को उत्तराखंड की विजिलेंस यूनिट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार किया था। एलडीए में तैनाती के दौरान यादव ने समायोजन घोटाले में हाथ काले किए थे। सीतापुर रोड स्थित पुरनिया के पास यादव के आवास (रानी कोठी) की फाइल में भी कई गड़बडिय़ां छुपी हैं। मगर, अफसर यादव के आवास समेत करोड़ों के अवैध निर्माणों पर पूरी तरह मेहरबान है।

चर्चा है कि समायोजन घोटाले से जुड़ी फाइलें यादव के घर पर बैक डेट में हस्ताक्षर होने के लिए बाबुओं के जरिए ले जाई जाती थीं। राम विलास के हस्ताक्षर को एलडीए में ‘तिग्गी’ कोडवर्ड से जाना जाता है। जिसके सहारे अनगिनत संपत्तियों के समायोजन में हेराफेरी की गई है। पूर्व वीसी व सचिव से लेकर तमाम संपत्ति अधिकारी मौजूदा दौर में बेहिसाब संपत्तियों के मालिक बन चुके हैं।

नहीं खुल सकी बाबू की पत्नी के 20 प्लाट की गुत्थी

एक साल पहले एलडीए के एक बाबू की पत्नी के नाम 20 प्लॉट होने की शिकायत अफसरों को मिली थी पूर्व चीफ इंजीनियर इंदुशेखर सिंह के पास संबंधित बाबू की पत्नी को आवंटित भूखंड की सूची भी पहुंची थी मगर, जांच में सुस्ती के चलते मामला उजागर नहीं हो सका।

Also Read: Lok Sabha Election 2024: बाराबंकी में CM योगी का सपा-कांग्रेस पर हमला, बोले- इनका इतिहास घोटालों…

Get real time updates directly on you device, subscribe now.