लखनऊ: अकबरनगर बस्ती पर आज आएगा फैसला, कोर्ट में दाखिल की गई 26 यचिकाएं

Sandesh Wahak Digital Desk : कुकरैल रिवर फ्रंट के निर्माण को लेकर अकबरनगर बस्ती को हटाए जाने के लिए आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। 20 दिसबंर तक कोर्ट ने स्टे दे रखा था। जिसकी मियाद पूरी हो चुकी है। हाईकोर्ट ने कब्जेदारों की आवेदन पर आदेश दिया था कि इस मामले को दोबारा सुन लिया जाए। मंडलायुक्त व एलडीए की चेयरमैन द्वारा धवस्तीकरण के विरुद्ध दायर अपीलें 15 दिसम्बर को खारिज कर दिए जाने के पश्चात प्रभावित लोगों ने कुल 26 याचिकाएं दाखिल कर दोबारा हाईकोर्ट की शरण ली है।

इसके बाद में मंडलायुक्त और आवास विभाग ने प्रकरणों की सुनवाई की और कब्जेदारों के खिलाफ फैसला दिया। इसके बाद में यहां अवैध कब्जेदारी की आखिरी उम्मीद हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी है। दूसरी ओर लखनऊ विकास प्राधिकरण यहां प्रधानमंत्री आवास का पंजीकरण शिविर लगाए हुए हैं। जिसमें गिने चुने लोग आ रहे हैं।

तो वहीं एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि अकबरनगर प्रथम व द्वितीय में कुकरैल नदी व बंधे के विस्थापितों को आवास व दुकानें आवंटित की जा रही हैं। जिसके लिए पंजीकरण कराने में विस्थापितों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। इसके लिए अकबरनगर पुलिस चौकी के निकट ही विशेष पंजीकरण शिविर आयोजित किया जा रहा है।

विस्थापितों को दी जा रही सहूलियतें

अपर सचिव ने बताया कि अकबरनगर में लगे कैम्प में अब तक कुल 44 विस्थापितों ने प्रधानमंत्री आवास और 78 लोगों ने डूडा के आवास के लिए पंजीकरण कराया है। प्रधानमंत्री आवास की पंजीकरण धनराशि 10 हजार रुपये से घटाकर पांच हजार रुपये कर दी गई है। दूसरी तरफ व्यावसायिक श्रेणी में 25 प्रतिशत के स्थान पर मात्र 15 प्रतिशत धनराशि के अग्रिम भुगतान पर ही दुकानों का कब्जा दिया जा रहा है।

आदेश में कहा गया कि राज्य सरकार की सुरक्षित भूमि पर अवैध निर्माण किए गए हैं। जिनका शमन भी नहीं हो सकता है। चेयरमैन ने अपीलें खारिज कर आदेश में कहा है कि विहित प्राधिकारी, एलडीए द्वारा उपलब्ध साक्ष्यों की विवेचना कर गुण दोष पर मुखर आदेश पारित किया गया है। जिसमें विधिक त्रुटि परिलक्षित नहीं होती है।

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