Lucknow News: मुख्यमंत्री जी, …आप नहीं होते तो कोतवाल महिला को दौड़ाते ही रहते

मुकदमा दर्ज कराने के लिए पांच माह से दौड़ रही थी पीड़िता

Sandesh Wahak Digital Desk/ Ganesh Ji Verma:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कमिश्नरेट इसलिए बनाया था कि पीडि़तों को न्याय मिले लेकिन उनके मंसूबों की किस तरह धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं इसकी बानगी देखने को कहीं और नहीं बल्कि उनके नाक के नीचे लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में दिखी। जहां एक महिला को मुकदमा दर्ज कराने के लिए पांच महीने तक बीबीडी कोतवाल दौड़ाते रहे।

बिहार राज्य के सुभानपुरा, जयरामपुर मोर निवासी रश्मि कुमारी पुत्री रामानुज ने लखनऊ में जमीन खरीदने के लिए आरवीडी कंस्ट्रक्शन प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी के वशिष्ठ दुबे पुत्र शिवशंकर दुबे निवासी संतरविदास नगर की कम्पनी में 22 लाख रुपये खाते में तथा 20 लाख रुपये नगद दिया था। वशिष्ठ ने जमीन के साथ-साथ मकान भी बनवाने की बात कही थी। इसके बाद पीड़िता को न ही जमीन मिली और न ही पैसा।

पीड़िता का आरोप है कि वशिष्ठ अपने रिश्तेदार प्रशान्त मिश्रा से मिलकर उसे जान से मारने की धमकी देता है। महिला का आरोप हैं वशिष्ठ कहता है कि वह शाइन सिटी के मामले में तीन महीना जेल में रह चुका है। इस मामले में महिला 24 अक्टूबर 2024 को बीबीडी थाने पहुंची और लिखित शिकायत की लेकिन आरोप हैं कि प्रभारी निरीक्षक अजय नारायण सिंह उसे जांच के नाम पर टरकाते रहे। इसके बाद महिला ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। जहां तीन अप्रैल 2025 को उसका मुकदमा दर्ज हुआ।

कोतवाल का नहीं उठा फोन

इस मामले में कोतवाल अजय नारायण सिंह के सीयूजी नंबर पर फोन किया गया लेकिन उनका   फोन नहीं उठा। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि  वे कितने गंभीर हैं।

डीसीपी बोले, ऐसा नहीं होना चाहिए

डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने तत्काल फोन उठाया और कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। सबका मुकदमा दर्ज होना चाहिए। मैं देखता हूं ऐसा क्यों हुआ। यह बहुत ही र्दुभाग्यपूर्ण है। महिला को मेरे ऑफिस आना चाहिए था।

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