Lucknow: एलडीए के रडार पर 70 बड़े अवैध निर्माण
लखनऊ शहर (Lucknow City) में अवैध निर्माणों के खिलाफ जल्द ही बड़ा एक्शन होगा।
Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ शहर (Lucknow City) में अवैध निर्माणों के खिलाफ जल्द ही बड़ा एक्शन होगा। एलडीए उपाध्यक्ष डॉ इन्द्रमणि त्रिपाठी के आदेश पर सभी प्रवर्तन जोनों में 10-10 बड़े अवैध निर्माण चिन्हित किए जाने का काम चल रहा है। जानकारी के अनुसार एलडीए अगले महीने युद्घ स्तर पर अवैध निर्माण ध्वस्त करेगा। जिससे बिना नक्शा पास कराए निर्माण व प्लाटिंग करने वालों पर लगाम लगाई जा सके।
फिलहाल एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) के सभी जोनों में अवैध निर्माण की सूची तैयार हो रही है, इन सभी निर्माणों की वर्तमान स्थिति देखी जा रही है। यदि किसी निर्माण में वाद लंबित है तो उसको जल्द निस्तारित करने के आदेश भी उच्च स्तर से दिए गए हैं। साथ ही प्रवर्तन टीम यह भी देखेगी कि अगर कोई मामला कोर्ट में चल रहा है तो उसको ध्वस्तीकरण की सूची में शामिल न किया जाए। अगले सप्ताह यह रिपोर्ट सभी जोनल अधिकारियों के माध्यम से एलडीए उपाध्यक्ष को सौंपी जाएगी।
सभी जोनों में तैयार हो रही 10-10 निर्माणों की सूची
एक अनुमान के मुताबिक अगर एलडीए सभी सातों जोनो में 10-10 अवैध निर्माण चिहिन्त करता है तो करीब 70 निर्माणों को एलडीए ध्वस्त करने का लक्ष्य बना रहा है। हालांकि पहले भी एलडीए की ओर से ऐसे अभियान चलाए जा चुके हैं जो कि उच्च स्तरीय दबाव के कारण असफल हो चुके हैं।
अवैध प्लाटिंग व निर्माणों पर शिकंजा कसने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में सभी जोन में अवैध निर्माणों को चिन्हित कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। जल्द बड़ा अभियान शुरू होगा।
डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी उपाध्यक्ष, एलडीए
वहीं, लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Developement Authority) ने मोहनलालगंज-पीजीआई क्षेत्र में कालोनी का निर्माण ध्वस्त कर दिया। साथ ही गुडंबा में एक निर्माणधीन कॉम्पलेक्स सील कर दिया। जो बिना मानचित्र कराए बनाया जा रहा था।
डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी के निर्देश पर टीम ने पुलिस बल के साथ अभियान चलाया। जोन-2 में पीजीआई थानाक्षेत्र के कल्ली पश्चिम में लगभग 12,650 वर्गमीटर क्षेत्रफल में गलत तरह से कॉलोनियां विकसित करना पाया। कार्य प्रॉपर्टी डीलर सूरज वर्मा, बाबादीन व अन्य द्वारा कराया जा रहा था। जो जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी के आदेश पर बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह मामला मंडलायुक्त न्यायालय से खारिज किया गया था।
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