Lok Sabha Elections: तब खाए-खेले और रहे साथ, अब अलग हुआ तीनों का ‘पाथ’, इन 3 क्रिकेटर्स ने वर्ल्ड कप में भी बिखेरा था जलवा
Lok Sabha Elections: आमतौर पर, हिंदुस्तान में सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट और पॉलिटिक्स हैं. बस फर्क इतना है कि क्रिकेट में गेंद और बल्ले का खेल होता है. और पॉलिटिक्स में सियासी दांवपेंच का खेल होता है… और वैसे पॉलिटिक्स भी बड़ी कमाल की चीज़ होती है. क्यों इसमें कब क्या हो जाये कोई भरोसा नहीं… यह भाई-बहन, दोस्त, साथी और टीममेट्स तक को आमने-सामने खड़ा कर देती है.
दरअसल, ऐसी बानगी तब देखने को मिली. जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की 42 कैंडिडेट्स वाली लिस्ट सामने आई.
टीएमसी की सूची में स्टार उम्मीदवारों के साथ नए चेहरों के नाम भी रहे, जिनमें पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान का नाम है. यूसुफ पठान को बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की पार्टी ने बहरामपुर ने चुनावी मैदान में उतारा है. लिस्ट में शायद वही इकलौते कैंडिडेट रहे, जो सियासत में नए होने के साथ मूलरूप से पश्चिम बंगाल के बाहर के रहने वाले हैं.
कांग्रेस के गढ़ में युसूफ पठान के लिए कड़ी चुनौती
कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले बहरामपुर से उन्हें उतारा गया है. फिलहाल, इस सीट का प्रतिनिधित्व संसद के निचले सदन लोकसभा में कांग्रस के नेता और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी करते हैं. हालांकि, अभी अधीर चौधरी की उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की गई है. सियासी जानकारों की मानें, तो यूसुफ पठान के लिए पॉलिटिकल पिच इतनी भी सरल नहीं रहने वाली क्योंकि अधीर चौधरी उसी क्षेत्र के मूल निवासी हैं.
गुजरात के रहने वाले हैं यूसुफ पठान
गुजरात के बड़ौदा में पैदा हुए और क्रिकेट के मैदान में आक्रामक ऑलराउंडर रहे यूसुफ पठान ने लगभग 2 दशकों के करियर के बाद फरवरी 2021 में आधिकारिक तौर पर क्रिकेट के सभी फॉर्मैट्स से संन्यास ले लिया था. वह साल 2011 की क्रिकेट वर्ल्ड कप विनिंग टीम का हिस्सा भी रहे. सबसे रोचक बात है कि पॉलिटिक्स पिच पर उतरने के बाद यूसुफ पठान का आमना-सामना उन्हीं के 2 पूर्व टीममेट्स से होगा.
पठान का 1 पूर्व साथी लोकसभा में MP तो दूसरा राज्यसभा में
यूसुफ पठान से पहले टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर गेंदबाज हरभजन सिंह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) में साल 2022 में चले गए थे. फिलहाल, वह संसद के उच्च सदन राज्यसभा से पार्टी के सांसद हैं. जबकि भज्जी से पहले टीम इंडिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर मार्च 2019 में बीजेपी में शामिल हो गए थे. फिलहाल, वह लोकसभा से पार्टी के सांसद हैं.
तब खाए, खेले और रहे साथ, अब अलग-अलग हुआ तीनों का ‘पाथ’
गौतम गंभीर, हरभजन सिंह और यूसुफ पठान ही वे 3 खिलाड़ी हैं, जो साल 2011 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में एक ही टीम का हिस्सा थे. वे तब साथ प्रैक्टिस करने के साथ रहते, खाते-पीते, मौज-मस्ती करते और खेलते थे. हालांकि, अब वे सभी अलग-अलग राजनीतिक दलों में हैं. और उनके पाथ अलग-अलग हैं. बेशक उनका सीधे तौर पर कोई मुकाबला न हो मगर लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी, आप और टीएमसी इन तीनों स्टार प्लेयर से नेता बने चेहरों के आधार पर अपने-अपने कैंपेन को अलग किस्म का उभार देना चाहेंगी.
इन तीनों के अलावा ये भी कर चुके हैं पॉलिटिक्स का रुख
साल 2011 की क्रिकेट वर्ल्ड कप वाली टीम से इतर बात करें, तो अब तक कई प्लेयर्स पॉलिटिक्स का रुख कर चुके हैं. इनमें कीर्ति आजाद (टीएमसी), मोहम्मद अजहरुद्दीन (कांग्रेस), नवजोत सिंह सिद्धू (कांग्रेस), मनोज तिवारी (टीएमसी), चेतन चौहान (बीजेपी), श्रीसंत (बीजेपी), अशोक डींडा (बीजेपी), मोहम्मद कैफ (कांग्रेस), मंसूर अली खान ‘टाइगर’ पटौदी (विशाल हरियाणा पार्टी और विनोद कांबली (लोक भारती पार्टी) आदि शामिल हैं.
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बता दें कि साल 1983 वर्ल्ड कप विजेता कीर्ति आजाद को भी टीएमसी ने इस बार टिकट दिया है. टीएमसी ने उन्हें बर्धमान-दुर्गापुर से उम्मीदवार बनाया है.