Lok Sabha Election 2024: सहयोगी दलों संग भाजपा ने सीटों के समझौते का फॉर्मूला किया तैयार
चार-चार बैठकों के बावजूद विपक्ष के इण्डिया गठबंधन में शामिल दलों के अभी तक न दिल मिले और न ही सुर
Lok Sabha Election 2024 : मिशन 2024 के लिए सियासी तैयारियों को अमलीजामा पहनाने में सबसे आगे भाजपा नजर आ रही है। एक तरफ भाजपा जहां अयोध्या में राम लला के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को भव्यतम् बनाकर देशभर में रामनामी की अलख जगाने में शिद्दत से जुटी है।
वहीं दूसरी तरफ इस कार्यक्रम के बाद संभावित सीटों के एलान पर भी कमर कस चुकी है। जिसके लिए भाजपा ने बाकायदा अपने सहयोगी दलों के साथ सीटों के समझौते को कमोबेश अंतिम रूप दे दिया है। इसके इतर विपक्ष के इण्डिया गठबंधन में शामिल साथी दलों के न ही अभी तक दिल मिल सके हैं और न ही सुर।
भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शीर्ष नेतृत्व इस बार अपना दल (एस) की सीटें बढ़ाने के मूड में नहीं नजर आ रहा है। मिर्जापुर और रॉबट्र्सगंज की सीटों पर अनुप्रिया पटेल की मजबूत पकड़ देखते हुए उनके दल को यहां से लड़ाने की तैयारी की गयी है।
ओपी राजभर को भाजपा एक सीट पर किस्मत आजमाने का मौका दे सकती
सीटें बढ़ाने को लेकर भी अनुप्रिया अब ज्यादा गंभीर नजर नहीं आ रही हैं। वहीं यूपी से लेकर भाजपा के दिल्ली दरबार तक योगी मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने के लिए सियासी चक्कर काट रहे सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर को भाजपा एक सीट पर किस्मत आजमाने का मौका दे सकती है।
ये वाराणसी के नजदीक की पूर्वांचल में राजभर बहुल सीट होगी। हालांकि राजभर की नाराजगी को देखते हुए विधानसभा चुनाव में और भी ज्यादा तव्वजो देने का इरादा है। इसी के साथ भाजपा ने यूपी में निषाद पार्टी के प्रवीण निषाद को भी एक सीट से लड़ाने का फैसला किया है। लेकिन इस सीट पर संकेत निषाद पार्टी से कम भाजपा के टिकट पर उतरने के ज्यादा हैं।
भाजपा ने यूपी में मिशन 80 को लेकर ही सहयोगी दलों के साथ सीटों के फॉर्मूले पर आम सहमति नहीं बनाई है बल्कि बिहार से लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों तक भाजपा ने एनडीए के सहयोगी दलों को सीटों के अंकगणित पर लोकसभा चुनाव के वास्ते लगभग तैयार कर लिया है।
इण्डिया की अगली बैठक में नीतीश घोषित हो सकते हैं संयोजक
विपक्षी गठबंधन की चार बैठकों के बावजूद नीतीश कुमार से कांग्रेस का सियासी प्रेम परवान चढ़ता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि पहली बार जदयू के साथ बातचीत के लिए कांग्रेस ने गंभीरता दिखाना शुरू कर दिया है। इसका अंदाजा चार दिनों के भीतर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और राहुल गांधी का नीतीश से संपर्क साधना है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा को चारों खाने चित्त करने के खातिर गठबंधन में नीतीश की भूमिका बढऩे वाली है। इण्डिया के घटक दलों की अगली संयुक्त बैठक के दौरान उन्हें संयोजक बनाए जाने की घोषणा भी हो सकती है। जिसपर भाजपा की भी नजरें टिकी हैं
दो विपक्षी नेताओं को भगवा खेमे में लाने की तैयारी
भाजपा विपक्षी दलों में सेंधमारी के प्रयासों में लम्बे समय से जुटी है। निकाय चुनाव से लेकर अभी तक कई विपक्षी नेताओं ने भगवा चोला पहना है। लेकिन इस बार भाजपा के प्लान के मुताबिक विपक्ष के दो बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कराकर उन्हें पूर्वांचल की दो सीटों से लड़ाने का इरादा है। हालांकि अभी इन नेताओं ने भाजपा की सदस्यता हासिल नहीं की है।
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