Gonda News: यहां प्रशासन की नाक के नीचे मिठाई व पनीर में मिलाया जा रहा जहर!
बहराइच रोड पर स्थित कोल्डस्टोरेज के पास एक टीन शेड में फल-फूल रहा गोरखधंधा

Sandesh Wahak Digital Desk/A.R.Usmani: होली पर मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थों की जमकर बिक्री होती है। दुकानदार इस मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। वहीं, मिलावटखोर भी सक्रिय हो गए हैं और लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। शहर में बहराइच रोड पर स्थित कोल्डस्टोरेज के पास प्रशासन की नाक के नीचे मिलावटी मिठाई व पनीर का गोरखधंधा बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है, लेकिन जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को या तो कानो-कान ख़बर नहीं है, या फिर इस ओर से आंखें बंद किए हुए हैं।
होली का त्योहार नजदीक आते ही लोग खाद्य पदार्थों की जमकर खरीदारी कर रहे हैं, लेकिन जरा सी लापरवाही सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। दरअसल, मिठाई से लेकर पनीर, आइसक्रीम, शीतल पेय पदार्थ और मसालों तक में नुकसानदायक रंग मिलाए जा रहे हैं। इसलिए खाद्य पदार्थों को जांच-परखकर ही खरीदना चाहिए। लोगों की सेहत और जीवन से खिलवाड़ करने का यह गोरखधंधा जिला प्रशासन की नाक के नीचे फल-फूल रहा है। रोडवेज बस स्टैंड से बहराइच रोड पर स्थित कोल्डस्टोरेज के पास घनी आबादी में यह धंधा एक टीनशैड के अंदर चलता है। यहां तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जा रही हैं, जो मिलावटी होती हैं।
मिलावटी मिठाइयों और पनीर के इस्तेमाल से खतरे में लिवर-किडनी
इस बात की तस्दीक हिंदुस्तान मोटर्स गैराज के पास पहुंचने पर वहां से उठ रही दुर्गंध से ही होती है। यहां भीषण गंदगी है और दुर्गन्ध के कारण नाक बंद करना पड़ता है। इसी गैराज के पास टीन शेड है, जिसमें मिलावटी मिठाइयों के साथ ही पनीर व अन्य खाद्य पदार्थों को बड़े पैमाने पर बनाने का गोरखधंधा चलता है। इस टीन शेड के अंदर जाने का रास्ता भी बहुत ही गोपनीय रखा गया है, जिससे वहां आसानी से नहीं पहुंचा जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि यहां मिठाइयों व पनीर में नुकसानदायक रंग का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में इन खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल से लोगों के किडनी व लिवर खराब होने से लेकर कैंसर तक का खतरा रहता है।
ऐसे होती है मिलावट
विभिन्न तरह की मिठाइयों, पनीर, आइस्क्रीम, चाकलेट, शीतल पेय पदार्थों से लेकर मसालों तक में नुकसानदायक रंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह रंग दो प्रकार के होते हैं। कोलतार (खाने योग्य) और प्राकृतिक (पेंट)। केवल कोलतार रंगों को ही खाने की वस्तुओं में मिलाने की अनुमति है। इसमें लाल, पीला, हरा और नीला रंग महत्वपूर्ण है। यह दो प्रकार का होता है। अम्लीय और क्षारीय। शेष सभी अम्लीय और क्षारीय रंगों के इस्तेमाल पर रोक है। हालांकि, अब कोलतार रंगों में भी रसायन मिलाए जा रहे हैं। उदाहरणार्थ पीसी हुई लाल मिर्च में घुलनशील रंगों की मिलावट की जाती है, जिससे कूड़ा, कंकड़, बुरादा आदि को छुपाया जा सके।
क्या कहते हैं डॉ एचएस यादव
डॉ एचएस यादव बताते हैं कि खाद्य पदार्थों में रंगों की मिलावट से अतिसार और बुद्धि पर असर पड़ता है। मिलावटी खाद्य पदार्थ एक धीमा जहर होता है। इससे शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लंबे समय तक इस्तेमाल करने से कैंसर तक होने का खतरा बन जाता है। डॉ एचएस यादव कहते हैं कि होली के दौरान अगर कोई मिलावटी मिठाई या पनीर का सेवन करता है तो शुरुआत में पेट दर्द, उल्टी दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
मिलावटी पनीर से रहें सतर्क, सेहत कर देगी खराब
हर साल होली त्योहार के दौरान पनीर की भी मांग बढ़ जाती है। इस बार के होली पर्व में भी जिलेभर में मिलावटी पनीर का धंधा शुरू हो गया है। यह मिलावटी पनीर सेहत के लिए जहर के समान होता है। आमतौर पर मिल्क पाउडर के मिक्स को फाड़ा जाता है। सूत्र बताते हैं कि कुछ दुकानदार तो डिटर्जेंट तक का इस्तेमाल कर देते हैं। वहीं दूसरी तरफ असली पनीर से इसका अंतर खोज पाना बेहद मुश्किल काम है। मिठाई कारोबारियों की तैयारी देखकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के जिम्मेदार भी लोगों को शुद्ध मिठाई, पनीर आदि उपलब्ध कराने के लिए जांच अभियान चलाने की बात कहते हैं, लेकिन सब हवा-हवाई साबित होता है। मिलावटखोरों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है।
नकली पनीर को इस तरह से जांचें
मिलावटी पनीर या सिंथेटिक पनीर हाथों से हल्का सा दबाव डालने पर आसानी से टूट जाते हैं, जबकि असली पनीर सॉफ्ट होता है और थोड़े बहुत दबाव पड़ने पर जल्दी टूटता नहीं है। नकली पनीर को पानी में डालकर भी जांच कर सकते हैं। पानी में पनीर डालने पर कुछ बूंदें आयोडीन सॉल्यूशन की डाल कर चेक सकते हैं। अगर नीले रंग में बदल जाता है तो इसका मतलब है कि इसमें स्टार्ज मौजूद है और नकली पनीर की निशानी है।
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