कई बेगुनाहों की मौत के जिम्मेदार केके स्पन पर यूपी में अफसरों की दरियादिली

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: अमृत योजना में सीवर कार्यों के लिए जिस दागी कम्पनी केके स्पन को अफसरों की मेहरबानी से यूपी में अरबों के ठेके दिये गए। वो तमाम गड़बड़ियों में फंसी है। लखनऊ में दो श्रमिकों की मौत की तर्ज पर अन्य शहरों में भी कम्पनी की लापरवाही से कई बेगुनाहों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ा है।

ऐसी दागी कम्पनी को आखिर किस अफसर के इशारों पर यूपी में ब्लैकलिस्ट नहीं किया जा रहा है, वहीं दूसरे प्रदेशों में अरबों के ठेके रद्द करने के साथ ब्लैकलिस्ट की कार्रवाई हो चुकी है।

सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर एफआईआर

मध्यप्रदेश के कटनी शहर में केके स्पन को अमृत योजना में सीवर लाइन डालने का ठेका मिला था। तीन साल पहले कम्पनी की लापरवाही से नौ वर्ष की बच्ची और आठ वर्ष के बच्चे की मौत सीवर प्लांट के पास खुदे गड्ढे में गिरने से हुई थी। सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर एफआईआर भी हुई। लखनऊ की तर्ज पर कम्पनी ने तीन वर्ष पहले सिंगरौली में बिना सुरक्षा उपकरण दिए तीन श्रमिकों को सीवर लाइन में उतार दिया। तीस फिट गहरे सीवर से तीनों फिर जि़ंदा बचकर नहीं निकले।

यहां कंपनी को करीब 111 करोड़ का ठेका सीवर लाइन के लिए मिला था। सिर्फ यही नहीं सीवरेज कार्यों में लापरवाही के कारण अप्रैल 2020 में सतना में केके स्पन को मिला 206 करोड़ का ठेका निरस्त कर दिया गया।

दो साल के लिए कंपनी को किया गया था ब्लैकलिस्ट

दो साल पहले मध्यप्रदेश के रीवा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का 214 करोड़ का ठेका भी इस दागी कम्पनी ने गंवा दिया। अम्बाला में भी दो साल पहले 144 करोड़ के अमृत प्रोजेक्ट का काम पांच साल में भी पूरा न किये जाने पर कंपनी से छीन लिया गया। कम्पनी पर 15 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया। इस शहर में कम्पनी ने ऊंचे मेनहोल बनाकर अफसरों का सरदर्द बढ़ाया। मध्यप्रदेश में रीवा के नगर आयुक्त ने केके स्पन को 17 अक्टूबर 2022 से लेकर 16 अक्टूबर 2024 तक ब्लैकलिस्ट किया है।

Riverfront Scam

रीवा में अमृत प्रोजेक्ट के तहत सीवरेज कार्य से जुड़े काम की शुरुआत 2016 में हुई थी। जिसे 2019 तक पूरा नहीं किया जा सका। 120 किमी सडक़ भी कम्पनी ने खराब करके 50 करोड़ का नुकसान किया। अफसरों ने 19 करोड़ का जुर्माना लगाया। गड़बड़ियों के बावजूद यूपी के लखनऊ समेत कई शहरों में कंपनी को अरबों के ठेके बांटे गए। कम्पनी के खिलाफ सीबीआई ने रिवरफ्रंट घोटाले में चार्जशीट भी दाखिल की है। अफसरों के निरीक्षण में गड़बड़ियों के बावजूद जल निगम केके स्पन पर शुरुआत से मेहरबान रहा है।

राकेश मिश्रा

कम्पनी को नोटिस जारी की गयी : एमडी जल निगम

जल निगम के एमडी राकेश मिश्रा भी दागी कम्पनी केके स्पन को ब्लैकलिस्ट किये जाने पर खुलकर कुछ नहीं बोले। उन्होंने कहा कि लखनऊ में केके स्पन का काम लगभग खत्म हो चुका है। रायबरेली में कुछ दिक्कत आ रही है। प्राथमिकता काम खत्म कराना है। दूसरे प्रदेशों की गड़बडिय़ों की जानकारी नहीं है। फिलहाल कम्पनी को नोटिस जारी की गयी है। सख्त कार्रवाई भी की जायेगी। कंपनी को सारे ठेके मेरे आने से पहले आवंटित किये गए थे।

चहेती फर्मों को ठेकों की रेवडिय़ां बांटते हैं अफसर

मोदी सरकार के आने के बाद नगर विकास के लिए हजारों करोड़ की कई योजनाएं शुरू की गयी थीं। जिसमें अमृत प्रोजेक्ट भी शामिल है। इसी तरह प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम में जल निगम समन्वय समिति ने 30 हजार करोड़ की बंदरबांट के आरोप लगाए थे। मानकों के विपरीत फर्मों को कई वर्षों के लिए ठेके दिये गये। लखनऊ में सीवर सफाई का काम संभाल रही सुएज इंडिया भी इसी फेहरिस्त में शामिल है। जिसके घटिया काम के खिलाफ पार्षदों ने कई बार आवाज बुलंद की है।

 

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