एलडीए: करोड़ों के समायोजन घोटालों से जल्द उठेगा पर्दा, 5 सदस्यीय जांच कमेटी गठित

वर्ष 1993 से वर्ष 2017 के बीच नौ सहकारी आवास समितियों को दी गयी जमीन की होगी जांच

Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा 9 सहकारी आवास समितियों को दी गयी जमीन की अब जांच होगी। इन समितियों को कब और किन परिस्थितियों में भूमि समायोजित की गयी और फिर इनमें किन-किन लोगों को भूखण्ड आवंटित किये गये। जांच में इसका पूरा ब्योरा खंगाला जाएगा।

एलडीए उपाध्यक्ष ने समायोजन में फर्जीवाड़े की शिकायत पर दिए जांच के आदेश

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने भूमि समायोजन में फर्जीवाड़े की शिकायत पर मामले की जांच के आदेश दिये हैं। इसके लिए सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है, जोकि एक सप्ताह में पूरे प्रकरण की जांच करके अपनी  रिपोर्ट देगी।

उपाध्यक्ष ने बताया कि शिकायत आयी थी कि विभिन्न सहकारी आवास समितियों द्वारा लखनऊ विकास प्राधिकरण से फर्जी लोगों के नाम भूखण्ड आवंटित कराने का खेल किया गया है। इसमें प्रमुख रूप से 9 सहकारी आवास समितियों का जिक्र सामने आया है, जिसके विषय में सघन जांच की आवश्यकता है। लिहाजा इस संबंध में प्राधिकरण के सचिव विवेक श्रीवास्तव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच टीम गठित की गयी है।

इस टीम में अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह, मुख्य नगर नियोजक केके गौतम व प्रभारी अधिकारी-अर्जन शशिभूषण पाठक को शामिल किया गया है। यह कमेटी उक्त 9 हाउसिंग सोसाइटियों का स्थल निरीक्षण करने के साथ ही पत्रावलियों का परीक्षण करके समायोजन सम्बंधी पूरी कार्यवाही की जांच करेगी। कमेटी को एक सप्ताह के अंदर पूरे प्रकरण की जांच करके विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

इन जमीनों की होगी जांच

उपाध्यक्ष ने बताया कि उजरियांव आवासीय योजना के अंतर्गत 5 सहकारी आवास समितियों को मानसरोवर सहकारी आवास समिति लि. को ग्राम-विजयीपुर की 19277.29 वर्गमीटर भूमि, स्वर्गाश्रम सहकारी आवास समिति को ग्राम-उजरियांव की 22764 वर्गमीटर भूमि, फ्रेण्डस सहकारी आवास समिति को ग्राम-जियामऊ की 52847.365 वर्गमीटर भूमि, प्रोगेसिव सहकारी आवास समिति को ग्राम-विजयीपुर व कमता की 61181.47 वर्गमीटर भूमि व अमरपुरी सहकारी गृह निर्माण समिति लि. को ग्राम-तखवा कठौता व उजरियांव की 4695 वर्गमीटर भूमि समायोजित की गयी।

रिपोर्ट मिलने के बाद होगी नियमानुसार कार्रवाई

उपाध्यक्ष ने बताया कि हरदोई रोड कामधेनू नगर प्रसार योजना के अंतर्गत रिवर व्यू सहकारी आवास समिति लि. को ग्राम-छन्दोईया की 27730.20 वर्गमीटर भूमि दी गयी। टिम्बर नगर आवासीय योजना के तहत मेसर्स लखनऊ विकास सहकारी आवास समिति लि. को ग्राम-पुरनिया की 10908 वर्गमीटर जमीन समायोजित की गयी।

इसके अलावा अमर शहीद पथ गोमती नगर विस्तार योजना के अंतर्गत दि हिमालयन सहकारी आवास समिति को ग्राम-मकदूमपुर की 10805 वर्गमीटर भूमि एवं बहुजन निर्बल वर्ग सहकारी गृह निर्माण समिति को 56307 वर्गमीटर जमीन समायोजित की गयी। उपाध्यक्ष ने बताया कि यह सभी समायोजन वर्ष 1993 से लेकर वर्ष 2017 के बीच किये गये हैं। उक्त सभी प्रकरणों में जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

जिला पंचायत नहीं अब एलडीए से पास होंगे पूरे लखनऊ के नक्शे

एलडीए का परिक्षेत्र 2500 वर्ग किलोमीटर हो जाने के बाद आने वाले समय में जिला पंचायत से नक्शे पास नहीं होंगे। इसके लिए एलडीए के पास जाना होगा। अब बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर अविकसित और अनियोजित प्लॉटिंग नहीं कर पाएंगे। एक दिन पूर्व हुई बोर्ड बैठक में छावनी और लीडा को छोडक़र पूरा लखनऊ जिला एलडीए के परिक्षेत्र में लाने का प्रस्ताव पास हुआ है। बोर्ड से इसे मंजूरी मिल चुकी है। अब यह शासन में जाएगा। उसके बाद अधिसूचना जारी होगी।

शहर के आठों ब्लॉक सरोजनीनगर, मलिहाबाद, काकोरी, बीकेटी, गोसाईंगंज, मोहनलालगंज और माल एलडीए के दायरे में आ जाएंगे। चिनहट ब्लॉक पहले से एलडीए की सीमा में है। ऐसे में जिला पंचायत नक्शा पास करने से लेकर अन्य विकास संबंधित मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर पाएगा। एलडीए उपाध्यक्ष डॅ इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि इससे ग्रामीण इलाकों के लोगों को काफी राहत मिलेगी। जिले का सुनियोजित विकास होगा।

नक्शा पास कराने में की जा रही मनमानी

मौजूदा समय प्रॉपर्टी डीलर और बिल्डर जिला पंचायत से नक्शे पास करवाने के बाद मनमाने तरीके से कालोनी विकसित कर भाग जा रहे हैं। अक्सर ऐसी कॉलोनियों से जलभराव, खराब सडक़, सीवर और बिजली सप्लाई की समस्या सामने आती हैं। अब एलडीए के दायरे में आ जाने के बाद बड़ी परियोजनाएं आएंगी। परियोजनाएं विकसित होंगी तो कई तरह के रोजगार का सृजन होगा। एलडीए उपाध्यक्ष के अनुसार प्राधिकरण का दायरा बढऩे से ग्रामीण इलाकों को लाभ ही मिलेगा। बदले में उनको कुछ नहीं देना होगा।  जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी ज्योति दीक्षित ने बताया कि अभी इसमें लंबी प्रक्रिया है। एलडीए ने बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास किया है। एलडीए का दायरा बढ़ता है तो उसकी सीमा में वे सभी गांव आएंगे, जो अभी जिला पंचायत में आते हैं।

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