वायनाड में भूस्खलन से तबाही, 42 लोगों की मौत, सैकड़ों लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका
Sandesh Wahak Digital Desk: केरल के पर्वतीय वायनाड जिले में मंगलवार तड़के कई जगहों पर हुई भूस्खलन की घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अभी तक 42 शव बरामद किए गए हैं और उन्हें विभिन्न अस्पतालों के मुर्दाघर में रखा गया है। वायनाड जिला प्राधिकारियों के अनुसार, एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत चूरलमाला शहर में हुई, जबकि थोंडरनाड गांव में एक नेपाली परिवार के एक वर्षीय बच्चे की जान जाने की खबर है।
सैकड़ों अन्य लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका
उन्होंने बताया कि इसके अलावा पांच वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों के शव पोथुकल गांव के पास एक नदी के किनारे से बरामद किए गए हैं। सैकड़ों अन्य लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है, लेकिन प्राधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने बताया कि भूस्खलन में घायल हुए 70 से अधिक लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
Distressed by the landslides in parts of Wayanad. My thoughts are with all those who have lost their loved ones and prayers with those injured.
Rescue ops are currently underway to assist all those affected. Spoke to Kerala CM Shri @pinarayivijayan and also assured all possible…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 30, 2024
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूस्खलन की घटनाओं में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को संकट से निपटने के लिए केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा वायनाड में कुछ जगहों पर भूस्खलन की खबर से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजन को खोया है और जो घायल हुए हैं, मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव अभियान जारी है। मोदी ने लिखा केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन से बात की और वहां उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
मंगलवार तड़के हुए भूस्खलन ने मचाई तबाही
अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं। मंगलवार तड़के हुए भूस्खलन ने तबाही के निशान छोड़े हैं। कई मकान जमींदोज हो गए हैं, नदियां उफान पर हैं और कई पेड़ उखड़ गए हैं।
वायनाड की जिलाधिकारी मेघाश्री डी आर ने बताया कि प्रभावित इलाकों में आपदा राहत कार्य जारी है और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), दमकल विभाग, पुलिस तथा वन, राजस्व एवं स्थानीय स्वशासित विभाग युद्ध स्तर पर बचाव अभियान संचालित कर रहे हैं। मेघाश्री के अनुसार, सरकारी एजेंसियों के साथ ही स्वयंसेवी और स्थानीय निवासी भी बचाव अभियान में मदद कर रहे हैं।
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि करमन्थोडु नदी पर बाणासुर सागर बांध के द्वार खोल दिए गए हैं और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। इससे पहले, संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के विधायक टी सिद्दिकी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि जिला प्राधिकारी मुंडक्कई क्षेत्र में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से बाहर निकालने की योजना बना रहे हैं।
लापता लोगों की तलाश जारी
उन्होंने कहा फिलहाल हमारे पास भूस्खलन के कारण लापता लोगों और मृतकों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। कई इलाकों का संपर्क टूट गया है। एनडीआरएफ के जवान इन जगहों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर तलाश एवं बचाव अभियान में मदद के लिए जल्द ही सुलूर से वायनाड के लिए उड़ान भरेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, बड़े पैमाने पर भूस्खलन की घटनाओं के मद्देनजर कई परिवारों को विभिन्न शिविरों या उनके रिश्तेदारों के घरों में स्थानांतरित किया गया है।
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