Land For Job Case: तेजस्वी, तेजप्रताप और लालू यादव को कोर्ट से मिली जमानत, अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को
Sandesh Wahak Digital Desk: दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख एवं पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके बेटों तेजस्वी यादव एवं तेज प्रताप यादव को ‘नौकरी के बदले जमीन’ से जुड़े धनशोधन मामले में सोमवार को जमानत दे दी।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देते हुए कहा कि जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था। अदालत द्वारा पहले जारी किए गए समन के अनुपालन के तहत आरोपी उसके समक्ष पेश हुए। न्यायाधीश ने आरोपियों के खिलाफ दाखिल पूरक आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद समन जारी किए थे।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छह अगस्त को अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दायर की थी। ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर अपना मामला दायर किया।
एक लाख के मुचलके पर मिली जमानत
इस मामले में आरोपियों को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि उन्हें बिना गिरफ्तार किए ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया। इसलिए अदालत सभी को एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत देती है।
सुनवाई के दौरान ईडी ने अदालत से कहा कि राबड़ी देवी, हेमा यादव और मीसा यादव को जमानत देने के पिछले आदेश की तरह ही निर्देश दिये जा सकते हैं। इसके बाद अदालत ने सभी आरोपियों को अपने पासपोर्ट अदालत में जमा करने का निर्देश दिया। अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी।
इस मामले पर तेजस्वी यादव ने कहा ‘राजनीतिक साजिश के हिसाब से केस किया गया है। एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। हमें न्यायलय पर पूरा भरोसा है। ये लोग (बीजेपी) बार-बार राजनीतिक षड्यंत्र करते रहते हैं। एजेंसियों का दुरूपयोग करते हैं। इस केस में कहीं भी दम नहीं है। हमारी जीत तय है।
जांच एजेंसी के अनुसार, यह मामला 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में लालू के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेलवे के पश्चिम-मध्य जोन में ग्रुप-डी में हुई भर्तियों से जुड़ा है। आरोप है कि रेलवे में भर्ती होने वाले लोगों ने नौकरी के बदले लालू के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों को उपहार स्वरूप जमीन दी थी।
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