लाल डायरी प्रकरण: धन मौके पर नहीं था, तो ठेकेदार के घर से दिला दिया 10 लाख कमीशन

Sandesh Wahak Digital Desk: राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के प्रयागराज निमार्ण खंड में ढाई करोड़ रुपए फर्जी फर्मों को भुगतान करने के आरोपी मंजीत सिंह द्वारा बनाई गई कमीशन की लाल डायरी में कमीशन के एक से एक खुलासे हो रहे हैं। बांदा में बतौर सहायक अभियंता तैनात आत्माराम सरोज को मिलने वाला कमीशन जब मौके पर नहीं था तो क्लर्क मंजीत ने प्रयागराज के एक ठेकेदार को फोन करके 10 लाख रुपए कमीशन का दिलवा दिया।

सहायक अभियंता को कमीशन प्राप्त करने की इतनी जल्दी थी कि वह ठेकेदार के घर जाकर अपना कमीशन प्राप्त किया। बता दें कि आत्माराम सरोज कौशांबी में सडक़ों के निर्माण में भी घोटालों में आरोपी हैं। क्लर्क मंजीत सिंह इन दिनों फरार हैं। मंजीत सिंह ढाई करोड़ रुपए फर्जी फर्मों में भुगतान के आरोपी हैं और एफआईआर दर्ज होने के बाद फरार हैं। प्रयागराज निर्माण खंड में कमीशन का देनलेन भी मंजीत ही करता था।

वह समस्त देन-लेन का लेखा-जोखा डायरी में रखता था। उसकी डायरी में बांदा में बतौर सहायक अभियंता तैनात आत्माराम सरोज से देन-लेन का भी उल्लेख है। मंजीत सिंह ने फोन पर बातचीत करते हुए बताया कि 16 फरवरी 2018 को आत्माराम सरोज को कमीशन हेतु 10 लाख रुपए देने थे। लेकिन मेरे पास पैसे मौके पर मौजूद नहीं थे। ऐसी स्थिति में आत्माराम सरोज जबरदस्ती करने लगे। हालात बिगड़ते देख उन्हें मजबूरी में बलवीर सिंह नामक ठेकेदार से 10 लाख रुपए देने के लिए अनुरोध किया गया। उन्होंने आत्माराम सरोज को अपने घर बुला लिया और वहां 10 लाख रुपए कमीशन के प्राप्त हुए।

आत्माराम सरोज द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के खिलाफ सपा के दो विधायकों ने शासन को पत्र लिख रखा है। वहीं प्रयागराज के एक व्यक्ति ने बिजिलेंस को भी आत्माराम सरोज की चल अचल संपत्ति का ब्योरा देते हुए शिकायत की है। ब्योरे के मुताबिक आत्माराम ने अपने नौकरी काल में 80 करोड़ की चल अचल संपत्ति पैदा की। यह संपत्ति कहां-कहां है इसकी जानकारी बिजिलेंस को दिए गए शिकायती पत्र में दर्ज है।

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