Lakhimpur Kheri: भाजपा विधायक थप्पड़ कांड पर पुलिस का एक्शन, अवधेश सिंह समेत 40 पर FIR दर्ज
Lakhimpur Kheri: यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के भाजपा विधायक योगेश वर्मा को थप्पड़ मारने को लेकर अब पुलिस ने शिकायत दर्ज की है। पुलिस ने विधायक की तहरीर पर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह समेत 40 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
सदर विधायक की तहरीर पर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह, उनकी पत्नी लखीमपुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की निवर्तमान अध्यक्ष पुष्पा सिंह, जगन्नाथपुर थाना फरधान के मूल निवासी और फिलहाल शहर के मोहल्ला कमलापुर में रहने वाले संग्राम सिंह और थाना नीमगांव के ग्राम बहादुरपुर निवासी नीरज सिंह को नामजद रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इसके साथ ही 35-40 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
बता दें कि 9 अक्तूबर को लखीमपुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के डेलीगेट चुनाव की नामांकन प्रक्रिया आवास विकास कॉलोनी स्थित प्रधान कार्यालय में चल रही थी। वहीं पर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह ने सदर से भाजपा विधायक योगेश वर्मा को थप्पड़ जड़ दिया था। इस घटना को लेकर बैंक के बाहर उस दिन शाम तक बवाल होता रहा था। आईजी को लखीमपुर आकर हालात संभालने पड़े थे।
अवधेश सिंह समेत कई पर नामांकन प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप
10 अक्तूबर को भाजपा विधायक ने पुलिस को तहरीर दी थी। जिसमें उन्होंने कहा कि वह नौ अक्तूबर को अपने पटेल नगर स्थित कार्यालय पर बैठे थे। तभी उन्हें सूचना मिली कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के डेलीगेट चुनाव की नामांकन प्रक्रिया में गड़बड़ी हो रही है। भारतीय जनता पार्टी के व्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक राजू अग्रवाल जो डेलीगेट पद के नामांकन के लिए पर्चा खरीदने गए थे, पुष्पा सिंह और अवधेश सिंह ने उनका पर्चा छीन कर फाड़ दिया है। उनके साथ मारपीट भी की है।
वीडियो भी हुआ था वायरल
विधायक ने तहरीर में यह भी कहा है कि इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हैं। उन्होंने तहरीर के साथ ही घटना के वीडियो भी पुलिस को दिए हैं। तहरीर दिए जाने के बाद भी पुलिस ने रिपोर्ट नहीं दर्ज की थी। इसको लेकर 11 अक्तूबर को विधायक के समर्थन में जिला मुख्यालय पर बड़ा प्रदर्शन हुआ। इसके बाद 14 अक्टूबर को सदर विधायक योगेश वर्मा ने लखनऊ में जाकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।
इसके बाद उसी रात भारतीय जनता पार्टी से अवधेश सिंह, पुष्पा सिंह समेत चार लोगों को निष्कासित कर दिया गया था। इसके साथ ही मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी लखीमपुर पुलिस को दिए गए थे, लेकिन पुलिस ने 15 अक्तूबर को सुबह से शाम तक उच्च अधिकारियों से निर्देश न मिलने का हवाला देते हुए रिपोर्ट नहीं दर्ज की। देर रात रिपोर्ट दर्ज कर ली गई।
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