Kushinagar: अस्पताल का बिल भरने को मजबूर पिता ने बेचा बच्चा, सभी आरोपी गिरफ्तार
Kushinagar News: यूपी के कुशीनगर में एक बार फिर इंसानियत शर्मसार हुई है। अस्पताल में बंधक नवजात और पत्नी को अस्पताल से मुक्त कराने के लिए 20 हजार रुपए में एक गरीब ने अपना बेटा बेच दिया था। मामले की जानकारी मिलने के बाद शनिवार को ही पुलिस ने तीन वर्ष के बच्चे को बरामद कर लिया है। मामले में एक आरक्षी को लाइन हाजिर करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
बच्चे के सकुशल परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है। सीओ तमकुहीराज जितेंद्र सिंह कालरा ने बताया कि बरवा पट्टी क्षेत्र में एक गांव में लक्ष्मीना गर्भवती थी। उसके पहले से चार बेटे और एक बेटी हैं। बेहद गरीब परिवार का मुखिया पति गणेश पटेल मजदूरी कर परिवार का पेट पाल रहा है। तीन दिन पहले महिला को प्रसव पीड़ा हुई। पति ने गांव के निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
महिला ने बच्ची को जन्म दिया। नॉर्मल प्रसव के बाद संचालक ने चार हजार रुपए मांगे। तत्काल रुपए नहीं मिलने पर प्रसूता और नवजात को बंधक बना लिया गया।
बेबस पिता ने नवजात और पत्नी को अस्पताल से छुड़ाने के लिए अपने ढाई साल के बेटे को 20 हजार रुपए में बेच दिया। घर पहुंचने पर पत्नी ने जब बेटे को तलाशना शुरू किया तो पति की आंखें छलक उठीं और पूरी बात बताई। सीओ ने बताया कि पीडि़त ने अपना बच्चा भोला यादव को बेचा था। प्रसव केंद्र की आशा की संलिप्तता पाई गई है। पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।
कार्रवाई की धौंस देकर सिपाही ने की वसूली
गांव में बच्चा बेचने का शोर मचा तो एक सिपाही पीडि़त के घर बाइक से पहुंचा। सिपाही कार्रवाई की धौंस देकर पांच हजार रुपए लेकर चला गया। पीडि़त ने गांव वालों से शुक्रवार की शाम यह बात कही। सिपाही की करतूत सामने आने पर उसे लाइन हाजिर कर दिया गया है।
बेटे को लाने के लिए अड़ी मां, सामने आई गरीबी
लक्ष्मीना बच्चे को घर लाने की जिद पर अड़ी है, लेकिन रुपए खर्च होने के चलते पति गणेश बच्चे को लाने में असमर्थता जता रहा था। गांव वालों ने बताया कि छठवें बच्चे को लक्ष्मीना ने जन्म दिया है। परिवार की आर्थिक हालत बहुत कमजोर है। दो वक्त की रोटी भी सही से नहीं मिलता है।
वायरल वीडियो से चला पता
सीओ जितेन्द्र कालरा ने बताया कि वायरल वीडियो से मामला संज्ञान में आया है। पीडि़त चार हजार अस्पताल में देकर पत्नी और नवजात को छोडक़र तहसील गया था। वहां भोला ने स्टांप पर लिखापढ़ी कराई थी।
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