जानें आरक्षण की आग में क्यों सुलग रहा बांग्लादेश ?
Sandesh Wahak Digital Desk : बांग्लादेश इस समय आरक्षण की आग में जल रहा है. देश में हर तरफ हिंसा फैली हुई है. हिसंक झड़पों की वजह से कई लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं. शनिवार को पुलिस ने राजधानी के कई हिस्सों में गश्त लगाई थी. इस दौरान देश में सख्त कर्फ्यू लगा दिया है. सरकार ने पुलिस को उपद्रवियों को ‘देखते ही गोली मार देने’ का निर्देश दिया है.
इसको लेकर सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव और सांसद ओबैदुल कादर ने कहा कि कर्फ्यू आधी रात को शुरू होकर अगले दिन दोपहर 12 बजे तक रहेगा. इसके बाद 12 बजे से 2 बजे तक लोगों को छूट दी जाएगी. इस दौरान वो अपने जरूरी काम को निपटा सकते हैं. जबकि अधिकारियों को उपद्रवियों को देखते ही गोली मार देने का निर्देश दिया गया है.
बांग्लादेश में हो रहे प्रदर्शन और हिंसा की वजह सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर है. प्रदर्शनकारियों का एक गुट चाहता है कि 1971 में हुई आजादी की लड़ाई में शामिल लोगों के वंशजों को सरकारी नौकरी में मिल रहे आरक्षण को जारी रखा जाए. जबकि दूसरा धड़ा इस आरक्षण को खत्म करना चाहता है.
आरक्षण का पूरा गणित समझे
बांग्लादेश में स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा ले चुके लोगों के परिवार को 30 फीसदी आरक्षण मिलता है. जबकि महिलाओं को 10 फीसदी आरक्षण मिलता है. 10 फीसदी का आरक्षण जिला कोटा के तहत पिछड़े जिलों में रहने वाले लोगों को दिया जाता है. जबकि धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों को 5 फीसदी आरक्षण दिया जाता है. जबकि एक प्रतिशत आरक्षण विकलांग लोगों को दिया जाता है.
शेख हसीना सरकार ने 2018 में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद इस आरक्षण व्यवस्था को खत्म कर दिया था. हालांकि इस साल जून में हाईकोर्ट ने इस फैसले को गलत कहा था. कोर्ट के फैसले के बाद अब देश में फिर से ये व्यवस्था लागू हो जाएगी. इसी को लेकर बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.