इन शब्दों से बनाये अब दूरी, सुप्रीम कोर्ट ने जारी की हैंडबुक
Sandesh Wahak Digital Desk: सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला करते हुए लैंगिक भेदभाव और असमानता को दर्शाने वाले शब्दों के इस्तेमाल से बचने के लिए एक हैंडबुक लॉन्च किया। जहाँ अब जल्द ही कानूनी शब्दावली से छेड़छाड़, वेश्या, बिन ब्याही मां, अफेयर और हाउसवाइफ जैसे शब्द बाहर हो जाएंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी हैंडबुक में न्यायिक विमर्श में और आदेशों व फैसलों के उपयोग के लिए वैकल्पिक शब्द एवं मुहावरे सुझाए हैं।
इसके साथ ही चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करते वक्त इस हैंडबुक का जारी किया। बता दें कि इस हैंडबुक का नाम है हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर रूढ़िवादिता। वहीं इस जारी हैंडबुक में बताया गया है कि प्रचलित शब्द गलत क्यों हैं और वह कानून को और कैसे बिगाड़ सकते हैं।
दूसरी ओर हैंडबुक लॉन्च करते समय चीफ जस्टिस ने कहा कि इसे तैयार करने का मकसद किसी फैसले की आलोचना करना या संदेह करना नहीं बल्कि यह बताना है कि अनजाने में कैसे रूढ़िवादिया की परंपरा चली आ रही है। वहीं अदालत का उद्देश्य यह बताना है कि रुढ़िवादिता क्या है और इससे क्या नुकसान हो सकता है।
इन शब्दों में किया गया बदलाव
- व्यभिचारिणी :विवाहेतर संबंध बनाने वाली महिला
- प्रेम संबंध : विवाह से बाहर संबंध
- बाल वेश्या: जिस बच्चे-बच्ची की तस्करी की गई है
- रखैल: एक महिला, जिसके साथ एक पुरुष का विवाहेतर यौन संबंध है
- फब्तियां कसना: गलियों में किया जाने वाला यौन उत्पीड़न
- जबरन बलात्कार: बलात्कार
- देहव्यापार करने वाली (हार्लट) : महिला
- वेश्या (हूकर): यौन कर्मी
- भारतीय महिला/पाश्चात्य महिला : महिला
- विवाह करने योग्य उम्र: एक महिला जो विवाह के लिए जरूरी आयु की हो गई है
- उत्तेजित करने वाले कपड़े/परिधान : कपड़े/परिधान
- पीड़ित या पीड़िता :यौन हिंसा प्रभावित
- ट्रांससेक्सुअल : ट्रांसजेंडर
- बिन ब्याही मां : मां
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