Kanpur: 2 फर्जी अध्यापक गिरफ्तार, 14 साल से ले रहे थे सैलरी, ऐसे खुला राज
Sandesh Wahak Digital Desk : प्रदेश के कानपुर देहात में 14 साल से बेसिक शिक्षा विभाग में टीचर के पद पर तैनात दो फर्जी अध्यापकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। तो वहीं बेसिक शिक्षाधिकारी ने दोनों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक झींझक द्वारिकागंज निवासी अनिल कुमार और औरैया जनपद के बेला बेड़ाहार गांव के बृजेंद्र कुमार को 2009 में नौकरी मिली थी। जिसके बाद वह नौकरी करते हुए वर्तमान में प्रोन्नत होकर हेड मास्टर भी बन गए।
फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों से इस नौकरी को प्राप्त कर उठा रहे थे सैलरी
झींझक ब्लॉक के मूलई गांव में प्राथमिक विद्यालय में अनिल हेडमास्टर के पद पर तैनात था। तो वहीं, बृजेंद्र शाहपुर महेरा में बतौर हेड मास्टर तैनात था। दोनों ने फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के जरिए नौकरी कर सैलरी उठा रहे थे। किसी ने दोनों के फर्जी कागजों पर नौकरी करने की सूचना कानपुर कमिश्ररेट की बर्रा पुलिस को दे दी। इस मामले को लेकर बर्रा थाना प्रभारी ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार दोनों शिक्षकों के फर्जी दस्तावेज के सहारे शिक्षक की नौकरी करने का खुलासा 34 लाख रुपये की ठगी की शिकायत के बाद हुआ। जानकारी सामने आ रही है कि, बर्रा कानपुर के संदीप राठौर ने पुलिस में 34 लाख की ठगी को लेकर शिकायत दर्ज कराई।
ऐसे खुला राज
राठौर ने पुलिस को जानकारी दी कि, मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के चंद्र नगर निवासी रिश्तेदार राजीव सिंह राठौर, उनकी पत्नी बबिता और राजीव के साथी जो कि कल्याणपुर कानपुर के रामशरण कश्यप है, आदि लोगों ने मिलकर नौकरी लगवाने के नाम पर उनसे 34 लाख रुपए की ठगी कर ली है। संदीप ने कहा कि जब वे जॉब नहीं लगवा पाए तो राजीव ने उनको नकली नियुक्ति पत्र दे दिया था।
पीड़ित ने बर्रा थाने में इस सम्बंध में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसी के साथ ये भी आरोप लगाया कि फर्जी दस्तावेज को तैयार करके उक्त लोग बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी लगवा रहे हैं। पूर्व में भी इन लोगों ने कुछ लोगों को नौकरी लगवाई है। इसी के बाद पुलिस ने जब मामले में छानबीन शुरू की तो कानपुर देहात में अनिल कुमार और बृजेंद्र कुमार का भी मामला खुल गया। इसी के बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया और जब कड़ाई से पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आया।
दोनों की बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू
मामला सामने आने के बाद जिला बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कम्प मच गया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्दी पांडेय ने गिरफ्तारी के तत्काल बाद दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया और बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी।
प्रदेश के कई जिलों में कार्यरत हैं फर्जी शिक्षक
शिकायतकर्ता संदीप राठौर ने बर्रा पुलिस को जानकारी दी कि राजीव सिंह राठौर और उसके साथियों का नेटवर्क प्रदेश के कई जिलों में सक्रिय है। वह बड़े स्तर पर फर्जी दस्तावेज से ने तमाम लोगों को शिक्षक की नौकरी दिलवाई है। इसमें कानपुर देहात के अलावा कानपुर शहर इटावा, मैनपुरी, जालौन, औरैया आदि जिलों में बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षक तैनात हैं। जिसकी पुलिस जांच कर रही है।
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