कैसरगंज सीट: बृजभूषण के लिए अहम हुए 3.5 लाख मुस्लिम मतदाता

समाजवादी पार्टी के ब्राह्मण कार्ड से बिगड़ा बीजेपी कैंडिडेट करण भूषण का समीकरण

Sandesh Wahak Digital Desk/A.R.Usmani: सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कटरा विधानसभा में आयोजित अल्पसंख्यक संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुसलमानों से कहा कि आप हमारे हैं। मेरा खून हैं। कोई माने या न माने, अगर डीएनए टेस्ट हो जाए तो पांच पीढ़ी पहले आप मेरा ही खून थे।

जितना भी वोट यहां से जाएगा, 500 से 600 किलोमीटर दूर बैठे मेरे राजनीतिक जीवन और मेरे जीवन के समाप्त होने का तमाशा देखने वाले लोगों के गाल पर तमाचा होगा। उनका गाल लाल-लाल हो जाएगा। वो समझ जाएंगे कि किसी व्यक्ति से पाला पड़ा है। बृजभूषण ने यह भी कहा कि अगर बीज बोना है तो कमल का बीज बोइए, नहीं तो कोई बीज मत बोइए।

अल्पसंख्यक संवाद कार्यक्रम में भावुक हुए बृजभूषण शरण सिंह

दरअसल, बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण सिंह अपने बेटे और कैसरगंज से भाजपा प्रत्याशी करण भूषण सिंह के समर्थन में आयोजित अल्पसंख्यक संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। उन्होंने मुसलमानों को रिझाने की भरपूर कोशिश की। अपने संबोधन के दौरान वह भावुक हो गए।

बृजभूषण शरण सिंह ने अल्पसंख्यक संवाद में कहा कि कोई कहे या न कहे। आप हमारा ही खून हो। अगर डीएनए टेस्ट कराया जाएगा तो 5 पीढ़ी पहले आप हमारा ही खून हो। हम और सब बातों पर नहीं जाना चाहते, इसलिए आपसे विनती है। आपके लिए हम बदनाम हैं और आप हमारे लिए बदनाम हैं। इसलिए आप लोग हमारे ही पक्ष में बीज बोइए, नहीं तो ना बोइए। कम से कम मेरा फायदा न हो तो नुकसान भी न करो। आप लोग हमारी मंशा को समझ गए होंगे?

उन्होंने कहा कि मैं आपका एहसानमंद हूं, एहसानमंद रहूंगा। आपके सुख-दु:ख में साथ खड़ा रहूंगा। वह लोग न आए हैं और न आएंगे, लेकिन हमारा-आपका आपसी भाईचारा बढ़ेगा। सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने जब भावुक होकर मुस्लिम समाज के लोगों से यह अपील की और वीडियो वायरल हुआ तो उनके इस बड़े बयान के राजनीतिक निहितार्थ तलाशे जाने लगे।

भगतराम मिश्रा और करण भूषण सिंह

करण भूषण सिंह के सामने भगतराम मिश्रा चुनावी मैदान में

बताते चलें कि कैसरगंज लोकसभा सीट पर इस बार समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता भगतराम मिश्रा को चुनावी रण में उतारा है जिससे करण भूषण सिंह को जबरदस्त टक्कर मिल रही है। ब्राह्मण बाहुल्य सीट होने के कारण सपा कैंडिडेट को मजबूत स्थिति में माना जा रहा है, क्योंकि समाजवादी पार्टी के मुस्लिम-यादव के साथ ही सजातीय ब्राह्मण मतदाताओं की एकजुटता बाहुबली के सारे समीकरण को दरकिनार कर इस बार कैसरगंज में साइकिल दौड़ा सकती है।

क्या है इस सीट का जातीय समीकरण?

कैसरगंज लोकसभा सीट का जातिगत गणित ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाताओं के इर्द-गिर्द घूमता है। इस सीट पर 19 लाख से अधिक मतदाता हैं। इनमें ब्राह्मण करीब 4.5 लाख, मुस्लिम 3.5 लाख, दलित 3.25 लाख, यादव 2.25 लाख, कुर्मी 2.25 लाख और क्षत्रिय 1.5 लाख हैं। इनके अलावा अन्य मतदाता हैं। ऐसे में बृजभूषण शरण सिंह की नजर 3.5 लाख मुस्लिम वोटरों पर है जिनके सहारे वे अपने बेटे करण भूषण सिंह की चुनावी नैया पार करा सकते हैं।

यही वजह है कि इन दिनों बाहुबली के लिए मुस्लिम भाग्यविधाता बन गए हैं और बृजभूषण सिंह उन्हें बेटे के पाले में लाकर अपना दबदबा कायम रखना चाहते हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यदि बृजभूषण शरण सिंह की मुस्लिम वोटों में सेंधमारी की रणनीति कामयाब हो गई तो करण भूषण संसद में पहुंचने में कामयाब हो सकते हैं, अन्यथा मुस्लिम-यादव और ब्राह्मण मतों की एकजुटता कैसरगंज की सियासत में नयी इबारत लिख सकती है।

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