Jammu&Kashmir: एक्शन मोड में मनोज सिन्हा, नार्को-टेरर से जुड़ने के आरोप में 6 सरकारी कर्मी सस्पेंड
Sandesh Wahak Digital Desk: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को कथित मादक पदार्थ-आतंकवाद (नार्को-टेरर) गिरोह से जुड़े होने के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों समेत छह सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) का इस्तेमाल कर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया। उन्होंने कहा कि जांच से पता चला है कि ये कर्मचारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और उसकी यहां से संचालित आतंकी समूहों के ‘नार्को-टेरर’ गिरोह से जुड़े हुए थे।
एक अधिकारी ने कहा पांच पुलिसकर्मियों और एक शिक्षक समेत छह सरकारी कर्मियों को मादक पदार्थ की तस्करी के जरिए आतंकवाद के वित्तपोषण में लिप्त पाया गया। राष्ट्रपति या राज्यपाल को अगर लगता है कि जनसेवा में व्यक्ति का बने रहना राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक है तो वह अनुच्छेद के प्रावधान ‘सी’ के तहत, जैसा भी मामला हो, किसी कर्मचारी को सामान्य प्रक्रिया का अनुपालन किए बिना बर्खास्त करने का अधिकार रखते हैं।
तीन दिन में 8 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले कहा कि नार्को-टेरर देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है। नार्को-आतंक नेटवर्क पर हमला आतंकवाद के खिलाफ होने वाली लड़ाई का मुख्य घटक है। इसके जरिए आतंकी इकोसिस्टम को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। जम्मू-कश्मीर में शांति और समृद्धि सुनिश्चित की जा सके।
जम्मू कश्मीर पुलिस ने जम्मू-कश्मीर में नशीले पदार्थों की तस्करी और उसे बढ़ाने वाली पाकिस्तानी इरादे को नाकाम किया है। कई नार्को डीलरों की करोड़ों की संपत्ति जब्त की गई है।
DGP आरआर स्वैन ने इस मामले में कहा था कि नशीले पदार्थों से कमाए गए हर एक रुपये का पता हर एक खाते और हर एक संपत्ति से लगाया जाएगा। इस नेटवर्क से पैसे कमा रहे हर नागरिक को सवालों का जबाव देना पड़ेगा। अब चाहें वो नागरिक सरकार या पुलिस या किसी अन्य संगठन में जासूस हों। सरकार ने नार्को-आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने वाले 8 कर्मचारियों को इस महीने बर्खास्त किया है।
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