Chandrayaan-3 ने मारी सफलता की हैट्रिक, चेंज हुआ तीसरा ऑर्बिट, अब होगी चौथी परीक्षा
भारत का महत्वपूर्ण मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) चांद की तरफ बढ़ रहा है. इसी के साथ, चंद्रयान-3 ने सफलता की तीसरी हैट्रिक मार दी है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 के तीसरा आर्बिट चेंज करने की तीसरी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. इसरो (ISRO) ने ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी दी. बता दें कि चंद्रयान-3 को 31 जुलाई तक एक लाख किमी दूर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
इसरो का ट्वीट
इसरो ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किये पोस्ट में लिखा ‘मिशन तय समय पर है. तीसरा कक्षा-उत्थान गतिविधि (पृथ्वी-बाउंड पेरिजी फायरिंग) ISTRAC/ISRO, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक किया गया है. अगली फायरिंग यानि चौथा कदम 20 जुलाई, 2023 को भारतीय समयानुसार दोपहर 2 से 3 बजे के बीच करने की योजना है.’
Chandrayaan-3 Mission:
The mission is on schedule.The third orbit-raising maneuver (Earth-bound perigee firing) is performed successfully from ISTRAC/ISRO, Bengaluru.
The next firing is planned for July 20, 2023, between 2 and 3 pm IST.
— ISRO (@isro) July 18, 2023
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तीसरी ऑर्बिट मैन्यूवरिंग से पहले चंद्रयान-3 226 किमी की पेरिजी और 41,762 किमी की एपोजी वाली अंडाकार ऑर्बिट में चक्कर लगा रहा था. इसरो ने सीमित जानकारी ही दी है. इसमें ये नहीं बताया गया कि इंजन को कितनी देर के लिए ऑन रखा गया था.
बेंगलुरु से रखी जाएगी नजर
चंद्रयान-3 के परियोजना निदेशक पी वीरमुथुवेल ने कहा था कि इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी), बेंगलुरु से अंतरिक्ष यान पर करीबी नजर और नियंत्रण रखेगा. यह चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा. बता दें कि वर्तमान में चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में घूम रहा है और 5 अगस्त तक चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की उम्मीद है. 23 अगस्त को सॉफ्ट-लैंडिंग का प्रयास होने की संभावना है. चंद्रयान-3 अपने रास्ते पर सही क्रम में आगे बढ़ रहा है और उसकी स्थिति सामान्य है. भारत को चंद्रयान-3 की सफलता से बड़ी उम्मीदें हैं. लेकिन, भारत ने चांद तक पहुंचने के लिए जो तरीका चुना है, उसमें बहुत अधिक समय लगेगा.
दुनिया के लिए महत्वपूर्ण चंंद्रयान-3
भारत के अलावा, चंद्रयान-3 मिशन दुनिया के लिए काफी महत्वपूर्ण है. वो इसलिए क्योंकि चंद्रयान-3 चांद के उन भागों की स्टडी करेगा, जहां अभी कोई भी नहीं पहुंचा है. चंद्रयान-3 को ‘एलवीएम-3 एम4’ रॉकेट की मदद से सफलतापूर्वक लांच किया गया. चंद्रयान-3 अपनी 40-50 दिनों की यात्रा के बाद 23 अगस्त की शाम को चांद पर लैंड कर सकता है. इसरो ने इसकी लैंडिंग की पुष्टि कर दी है.
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