विडंबना: आर्ट कॉलेज के शिक्षकों को प्रमोशन के लिए तरसा रहा लखनऊ विश्वविद्यालय
शिक्षकों ने कुलपति पर लगाया दोहरा मानदंड अपनाने का आरोप
Sandesh Wahak Digital Desk : लखनऊ विश्वविद्यालय आर्ट कॉलेज के शिक्षकों को प्रमोशन के लिए तरसा रहा है। इनमें से कुछ एक शिक्षक के पक्ष में कोर्ट का निर्णय है। राजभवन से प्रमोशन दिए जाने के कई बार निर्देश दिए गए, पर लविवि प्रशासन सालों से कोर्ट और राजभवन को ठेंगा दिखा रहा है। वहीं एक शिक्षक दिसंबर में रिटायर होने को हैं।
कला एवं शिल्प महाविद्यालय (आर्ट कॉलेज) लखनऊ विश्वविद्यालय का घटक संस्थान है। साथ ही विवि का ललित कला संकाय भी है। इसकी स्थापना लविवि से पहले की है। देश और विदेश में यहां के शिक्षकों की काफी ख्याति है। इसके बावजूद उन्हें काम करने के लिए सुविधा और संसाधन मुहैया कराना तो दूर लविवि उन्हें समय पर प्रमोशन नहीं दे रहा है। सालों साल से शिक्षक जहां के तहां पड़े हैं। अपने हक की लड़ाई लड़ते लड़ते थके जा रहे हैं, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।
हालात ये हैं कि कॉलेज के शिक्षक उमेश सक्सेना बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो गए। वहीं अब लालजीत अहीर को भी वही दंश झेलने को मजबूर किया जा रहा है। शिक्षक लालजीत अहीर दिसंबर में रिटायर होने जा रहे हैं। वे 2008 से अपने प्रमोशन की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं। इस दौरान कई कुलपति आए गए, पर उन्होंने उनको प्रमोशन नहीं दिया।
राजभवन से प्रमोशन को लेकर कई बार विश्वविद्यालय को दिया गया निर्देश
शिक्षक लालजीत अहीर के अनुसार दो बार हाईकोर्ट प्रमोशन के लिए आदेश कर चुका है। पहले कोर्ट के आदेश पर प्रमोशन कमेटी हुई, पर आयोग्य कर दिया। इसके बाद दोबारा कोर्ट गए। कोर्ट ने 2010 में विवि के सभी आरोपों को निरस्त करते हुए लालजीत अहीर को नियमानुसार प्रमोशन देने का आदेश दिया। इसके अलावा राजभवन से प्रमोशन को लेकर चार बार विवि को निर्देश दिए जा चुके हैं, लेकिन कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने उन्हें ताक पर रख दिया। लालजीत का कहना है कि कुलपति से कई बार अनुरोध के बाजवूद सुनवाई नहीं हुई। अब तो दिसंबर में रिटायरमेंट है। उनका कहना है कि कुलपति जानबूझकर प्रमोशन नहीं दे रहे हैं।
यह भी हैं इंतजार में
ऐसा नहीं है कि लालजी अहीर को ही प्रमोशन नहीं मिला है। कॉलेज के अधिकांश शिक्षक विवि की मनमानी के शिकार है। आर्ट कॉलेज के शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार, रविकांत पांडे, आलोक कुमार, पूनम रवि जायसवाल सहित अन्य शिक्षकों को प्रमोशन नहीं मिला है। इनमें कई शिक्षक पीएचडी भी हैं।
यूजीसी के मुताबिक पीएचडी जरूरी नहीं
विवि कुलपति आलोक राय से शिक्षक लालजी अहीर ने कई बार अनुरोध किया, इसके बाद विवि की ओर से कहा गया कि वे पीएचडी नहीं है। वहीं लालजी अहीर का कहना है कि यूजीसी की गाइड लाइन 2018 के पेज सात में स्पष्ट लिखा है कि आर्ट कॉलेज के शिक्षकों के प्रमोशन के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं है। उनका कहना है कि कई शिक्षक पीएचडी हैं लेकिन उन्हें भी विवि प्रमोशन नहीं दे रहा है। उन्होंने बताया कि यहां के शिक्षक राजीव नयन पांडेय को प्रमोशन लविवि ने दिया था, आज वह शकुन्लता विवि में प्रोफेसर हैं। वह भी पीएचडी नहीं थे।
कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रमोशन पाना किसी भी शिक्षक का अधिकार है। कुलपति प्रमोशन नहीं देकर सरकार की व्यवस्था का माखौल उड़ा रहे हैं। उनसे मांग है कि आर्ट कॉलेज के शिक्षकों का प्रमोशन जल्द से जल्द दिया जाए। नहीं तो यहां के शिक्षकों का मामला लूटा की आगामी आम सभा में उठाएंगे।
अरशद अली जाफरी, उपाध्यक्ष, लूटा।
Also Read :