International Day of Yoga: योग करते हैं तो नियम भी जान लें, बरतें ये सावधानियां
अक्सर मन में एक बात उठती है कि योग (Yoga) का अर्थ क्या है? दरअसल, योग सही तरह से जीने का विज्ञान है और इस लिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए।
Sandesh Wahak Digital Desk: अक्सर मन में एक बात उठती है कि योग का अर्थ (meaning of yoga) क्या है? दरअसल, योग सही तरह से जीने का विज्ञान है और इस लिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग का अर्थ एकता या बांधना है।
व्यावहारिक स्तर पर योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। योग जीने का एक तरीका भी है और अपने आप में परम उद्देश्य भी। योग सबसे पहले लाभ पहुँचाता है बाहरी शरीर (फिज़िकल बॉडी) को, जो ज्यादातर लोगों के लिए एक व्यावहारिक और परिचित शुरुआती जगह है। जब इस स्तर पर असंतुलन का अनुभव होता है, तो अंग, मांसपेशियां और नसें अच्छे तरीके से काम नहीं करते हैं, बल्कि वे एक-दूसरे के विरोध में कार्य करते हैं।
योग मानसिक और भावनात्मक स्तरों पर भी बेहतर तरीके से काम करता है। रोज़मर्रा की जिंदगी के तनाव और बातचीत के परिणामस्वरूप बहुत से लोग अनेक मानसिक परेशानियों से पीड़ित रहते हैं।
योग (Yoga) करने से लाभ
शारीरिक और मानसिक उपचार योग के सबसे अधिक ज्ञात लाभों में से एक है। योग अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप, गठिया, पाचन विकार और अन्य बीमारियों में चिकित्सा के एक सफल विकल्प है। यदि नियमित रूप से योग व्यायाम किया जाए दो तमाम प्रकार की बीमारियों पर जल्दी अंकुश लग सकता है। योग बुरी आदतों के प्रभावों को उलट देता है, जैसे कि सारे दिन कुर्सी पर बैठे रहना, मोबाइल फोन को ज़्यादा इस्तेमाल करना, व्यायाम ना करना, ग़लत ख़ान-पान रखना इत्यादि।इनके अलावा योग के कई आध्यात्मिक लाभ (The Many Spiritual Benefits of Yoga) भी हैं।
योग के नियम
- शुरू-शुरू में और काफी दिनों तक किसी योग्य गुरु के निर्देशन में ही योग का अभ्यास शुरू करें।
- सूर्योदय या सूर्यास्त के वक़्त योग का सही समय है।
- योग खाली पेट करें। योग करने से पहले कुछ ना खायें।
- आरामदायक सूती कपड़े पहनें।
- तन की तरह मन भी स्वच्छ होना चाहिए, योग करने से पहले सब बुरे ख़याल दिमाग़ से निकाल दें।
- किसी शांत वातावरण और साफ सुथरी जगह पर योग अभ्यास करें।
- अपना पूरा ध्यान अपने योग अभ्यास पर ही केंद्रित रखें।
- अभ्यास धैर्य और दृढ़ता से करें।
- अपने शरीर के साथ ज़बरदस्ती बिल्कुल ना करें।
- योग करने के आधे घंटे बाद तक कुछ ना खायें।
- प्राणायाम हमेशा आसन अभ्यास करने के बाद करें।
- अगर कोई मेडिकल तकलीफ़ हो तो पहले अपने चिकित्सक से ज़रूर सलाह करें।
- यदि पालथी मारकर बैठ कर योग व्यायाम करने में असुविधा महसूस हो रही हो तो आराम से किसी कुर्सी पर बैठकर भी किया जा सकता है।
- अगर तकलीफ़ बढ़ने लगे या कोई नई तकलीफ़ हो जाए तो तुरंत योग अभ्यास रोक दें और अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
- योगाभ्यास के अंत में हमेशा शवासन करें।
- भोजन मे संयम अति आवश्यक है।
- धूम्रपान,मदिरा व्यभिचार से दूर रहना उचित है।
- 8 घंटे की पूरी नींद लें।
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