सिंगापुर में आग से झुलसती बिल्डिंग में बचाई बच्चों की जान, भारतीय प्रवासी हुए सम्मानित, उपमुख्यमंत्री का बेटा भी था शामिल

Sandesh Wahak Digital Desk: सिंगापुर में हाल ही में एक सरकारी इमारत में लगी भीषण आग में फंसे बच्चों की जान बचाने वाले चार भारतीय प्रवासी श्रमिकों को वहां की सरकार ने सम्मानित किया है। इन बहादुरों ने अपनी जान की परवाह किए बिना आग में घिरे बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। खास बात यह रही कि जिन बच्चों को बचाया गया, उनमें आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण का आठ वर्षीय पुत्र मार्क शंकर पवनोविच भी शामिल था।
यह हादसा 8 अप्रैल को सिंगापुर के रिवर वैली रोड स्थित एक इमारत में हुआ था, जिसमें 16 बच्चे और 6 वयस्क फंसे हुए थे। आग की सूचना पर सिंगापुर नागरिक सुरक्षा बल (SCDF) मौके पर पहुंचा, लेकिन उससे पहले ही चार भारतीय श्रमिक—इंद्रजीत सिंह, सुब्रमण्यम सरनराज, नागराजन अनबरसन और शिवसामी विजयराज—ने स्केफोल्ड और सीढ़ी की मदद से 10 बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया।
तमिलनाडु के रहने वाले सुब्रमण्यम सरनराज ने बताया कि वह बच्चों की चीखें और उनके धुएं से भरे चेहरों को कभी नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने कहा, “अगर ये हमारे अपने बच्चे होते तो क्या हम चुप रहते?” उनके साथियों ने भी यही भावना जाहिर की और बिना किसी सुरक्षा उपकरण के खिड़कियों से होकर बच्चों तक पहुंचे।
इन भारतीयों को किया गया सम्मानित
सिंगापुर के मानव शक्ति मंत्रालय के ‘एश्योरेंस, केयर एंड एंगेजमेंट’ (ACE) समूह ने इन चारों भारतीयों को ‘फ्रेंड्स ऑफ ACE’ सिक्के देकर सम्मानित किया। मंत्रालय ने इनके साहस और सूझबूझ की सराहना करते हुए कहा कि “इनकी बहादुरी ने सब कुछ बदल दिया”।
इस हादसे में एक 10 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई लड़की की अस्पताल में मौत हो गई, जबकि बाकी लोगों को समय रहते बचा लिया गया। इस घटना ने प्रवासी भारतीयों की निस्वार्थ सेवा भावना और मानवता के प्रति समर्पण को पूरे विश्व के सामने उजागर कर दिया है।