Asian Games 2023: भारत ने जीते 5 पदक, महिला 10 मीटर एयर राइफल टीम को रजत और रमिता को कांस्य
Sandesh Wahak Digital Desk: एशियन गेम्स में भारत के लिए रविवार को पदकों की झड़ी लग गई. भारतीय खिलाड़ियों ने एक के बाद एक 5 पदक अपने नाम किए. 3 रजत और 2 कांस्य पदक भारत की झोली में आ चुके हैं. भारतीय निशानेबाजों ने एशियाई खेलों में अच्छी शुरूआत करते हुए रविवार को महिलाओं की दस मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत पदक जीता जबकि रमिता जिंदल को व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक मिला.
अनुभवी मेहुली घोष, रमिता जिंदल और आशी चौकसी की तिकड़ी ने 1886 अंक हासिल करके दूसरा स्थान पाया. चीन ने 1896.6 अंक के साथ नया एशियाई रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता. जूनियर विश्व चैम्पियन रमिता ने 8 निशानेबाजों के फाइनल में 230.1 स्कोर करके व्यक्तिगत स्पर्धा का कांस्य पदक भी जीता.
चीन ने रजत और कांस्य पदक जीते. हुआंग युटिंग ने खेलों का नया रिकॉर्ड बनाते हुए 252.7 अंक लेकर स्वर्ण जीता जबकि हान जिआयु को रजत पदक मिला.
रमिता रजत पदक की दौड़ में थी लेकिन 13वें शॉट पर 9.9 स्कोर करने से पिछड़ गई. मेहुली घोष 208.43 स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रही. क्वालीफिकेशन दौर में 19 वर्ष की रमिता ने 631.9 स्कोर करके दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि मेहुली 630.8 अंक के साथ चौथे स्थान पर रही. रमिता ने क्वालीफिकेशन दौर में छह सीरिज में 104.3, 106.7, 105.2, 104.3, 105.4 और 106 स्कोर किया. वह, चीन की हान जियान के बाद दूसरे स्थान पर रही. जियान ने 634.1 स्कोर करके एशियाई खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया.
मेहुली ने क्वालीफिकेशन में 630.8 अंक बनाये. उन्होंने 104.6, 105.7, 104.6, 105.1, 104.9 और 105.9 स्कोर किया. आशी चौकसी फाइनल में जगह नहीं बना सकी और 623.3 के स्कोर के साथ 28वें स्थान पर रही. भारतीय तिकड़ी का कुल स्कोर 1886.0 रहा जिससे उसे रजत पदक मिला. मेहुली ने कहा कि इतनी कठिन प्रतिस्पर्धा के बीच रजत पदक जीतना गर्व की बात है.
उन्होंने कहा कि भारत के लिये पहला पदक जीतना मेरे और टीम के लिये खास है । औसत क्वालीफिकेशन स्कोर बहुत अच्छा रहा । काफी कठिन प्रतिस्पर्धा थी और ऐसे में रजत पदक जीतना गर्व की बात है. यह मेरे पहले एशियाई खेल हैं और कई मायने में चीजे नयी है. मसलन अभ्यास पर जाने के लिये बस का इंतजार करना । इससे मेरे अभ्यास या प्रदर्शन पर असर नहीं पड़ता लेकिन मैं यह सब सीख रही हूं । यह नया अनुभव है.
ओलंपियन जॉयदीप करमाकर के साथ पांच साल से अधिक समय तक कोलकाता में अभ्यास करने के बाद अब वह दो साल पहले गगन नारंग की अकादमी में लौटी है. उन्होंने कहा कि मैने अपना बेस बदल लिया और कोच भी. उसके बाद मैने विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता और ओलंपिक कोटा हासिल किया । मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा है और अब नवंबर में विश्व कप फाइनल का इंतजार है.
कांस्य पदक विजेता रमिता ने कहा कि प्रतिस्पर्धा बहुत कठिन थी और दबाव का सामना करना अच्छा अनुभव रहा. उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा का स्तर काफी ऊंचा है और भारतीय निशानेबाजों के लिये एशियाई खेल आसान नहीं होते. फाइनल काफी करीबी था और निशानेबाजों के प्रदर्शन में बहुत कम अंतर था । मेरे लिये यह अच्छा अनुभव रहा.
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