India-US nuclear cooperation: भारत में अमेरिका देगा परमाणु सहयोग, पीएम मोदी और ट्रंप वार्ता में फैसला

India-US nuclear cooperation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हालिया वार्ता के बाद, भारत और अमेरिका ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का निर्णय लिया है। दोनों देशों ने भारत में अमेरिकी डिजाइन के परमाणु रिएक्टरों की स्थापना पर सहमति व्यक्त की है, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
इस पहल के तहत, भारत अपने परमाणु दायित्व कानून में संशोधन करेगा, जिससे विदेशी और निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में 20,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘परमाणु ऊर्जा मिशन’ स्थापित करने की घोषणा की है। इस मिशन का उद्देश्य छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) का अनुसंधान और विकास करना है, जिससे 2033 तक कम से कम पांच स्वदेशी एसएमआर चालू हो सकें।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस कदम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। राष्ट्रपति ट्रंप ने भी भारत में परमाणु रिएक्टरों की संख्या बढ़ाने में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का संकल्प लिया है, जिसमें शुल्कों को कम करने और बाजार पहुंच बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा, भारत ने अमेरिका से तेल, गैस और रक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने का भी वादा किया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन स्थापित हो सके।
इस सहयोग से न केवल भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति होगी, बल्कि स्वच्छ और सतत ऊर्जा स्रोतों की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति होगी। भारत और अमेरिका के बीच यह साझेदारी वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है।