India-US Defence Relations: भारत-अमेरिका के रक्षा संबंध मजबूत, पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर अमेरिका सख्त

India-US Defence Relations: अमेरिका और भारत के बीच रक्षा सहयोग में नया आयाम जुड़ता जा रहा है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने हाल ही में बयान दिया है कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध शानदार तरीके से और मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के लिए सहायक रक्षा मंत्री एली रैटनर ने कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा औद्योगिक सहयोग और अभियानगत भागीदारी में भी तेजी आ रही है।

पेंटागन का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बीच नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यभार संभालने की तैयारी चल रही है। रैटनर ने भारत-चीन संबंधों के उतार-चढ़ाव का जिक्र करते हुए कहा कि भारत-अमेरिका के रक्षा संबंध इस बीच निरंतर प्रगति कर रहे हैं।

पाकिस्तान का मिसाइल कार्यक्रम बना चिंता का कारण

वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को लेकर अमेरिका ने चिंता जताई है। व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारियों ने इसे दक्षिण एशिया और अमेरिका के लिए उभरता हुआ खतरा बताया है। हाल ही में बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान के चार प्रमुख संगठनों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें सरकारी स्वामित्व वाली राष्ट्रीय विकास कॉम्प्लेक्स (एनडीसी) भी शामिल है।

तीन चरणों में लगाए गए प्रतिबंध

प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने कहा कि पाकिस्तान के मिसाइल विकास कार्यक्रम पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका ने पिछले साल तीन चरणों में प्रतिबंध लगाए थे। इन प्रतिबंधों में ऐसे संगठनों को निशाना बनाया गया है, जो पाकिस्तान की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास और उत्पादन में शामिल हैं।

पाकिस्तान पर अमेरिका का दबाव जारी रहेगा
फाइनर ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बनाए रखेगा ताकि उसकी मिसाइल तकनीक के विस्तार को रोका जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान की यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो उसके पास अमेरिका समेत अन्य देशों पर हमला करने की क्षमता विकसित हो सकती है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ सकती है चिंता

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि परमाणु हथियार और लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ अमेरिका पर हमला करने की क्षमता रखने वाले देशों की सूची में पाकिस्तान का शामिल होना गंभीर चिंता का विषय है। फाइनर ने कहा कि अमेरिका इस क्षमता के विकास को चुपचाप नहीं देख सकता।

भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर

अमेरिका ने भारत को अपना प्रमुख रक्षा साझेदार मानते हुए दोनों देशों के बीच सहयोग को और गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई है। पेंटागन ने कहा कि भारत और अमेरिका की यह साझेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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