संयुक्त राष्ट्र में भारत ने फिर की पाकिस्तान की आलोचना, आतंकवाद पर उठाई आवाज

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में भारत ने एक बार फिर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है, हालांकि इस बार भी पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया। भारत ने स्पष्ट संकेत दिए कि पाकिस्तान आतंकवाद को शासकीय नीति के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। भारत के स्थायी मिशन में उप स्थायी प्रतिनिधि एवं प्रभारी राजदूत आर रवींद्र ने जोर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी प्रकार के दोहरे मापदंडों से बचा जाना चाहिए।

रवींद्र ने कहा, “जब हम अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा की बात करते हैं, तो आतंकवाद सबसे गंभीर खतरों में से एक है। हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड से बचना चाहिए।” उन्होंने जोर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ सही तरीके से लड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपने संकल्प की पुन: पुष्टि करनी चाहिए और आतंकवाद को हर प्रकार से दिए जा रहे समर्थन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और आतंकवादियों की सूची में शामिल लोगों और संस्थाओं पर लगाई गई पाबंदियों के पूर्ण कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया। इसके साथ ही, उन्होंने युवाओं में कट्टरपंथ के प्रसार को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की भी बात कही।

रवींद्र ने कहा कि 2023 में एससीओ की भारत की अध्यक्षता में कट्टरपंथ के विषय पर जारी किये गए संयुक्त वक्तव्य कट्टरता के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत ने हमेशा सुरक्षा क्षेत्र में भरोसे को मजबूत करने और SCO भागीदारों के साथ रिश्तों को समानता, सम्मान और आपसी विश्वास के आधार पर मजबूत करने को प्राथमिकता दी है।

उन्होंने आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ की तीनों बुराइयों के खिलाफ लड़ाई में SCO-RATS की भूमिका को और मजबूत बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। रवींद्र ने कहा कि भारत ने हमेशा संपर्क सुविधा और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किए जाने की वकालत की है।

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