Hathras: दो दशक से कॉलेज की छात्राओं का यौन शोषण कर रहा था प्रोफेसर, कई वीडियो हुए वायरल
आरोपी के मोबाइल से मिले 59 वीडियो, कई अश्लील वेबसाइट पर हुए अपलोड

Sandesh Wahak Digital Desk: हाथरस जिला फिर चर्चा में है। पीसी बागला डिग्री कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर डॉ. रजनीश के ऊपर दर्जनों छात्राओं की आबरू लूटे जाने के संगीन आरोप लगे हैं।
खौफ में पीड़ित छात्राओं ने साधी चुप्पी
पीडि़ताओं की संख्या कहीं ज्यादा है। दो दशक से इस काण्ड की इबारत लिखी जा रही थी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। पहले हुई शिकायतों के बाद डीएम से लेकर उच्च शिक्षा विभाग तक की जांच में आरोपी प्रोफेसर को क्लीनचिट से नवाजा जाना कई गंभीर सवाल खड़े करता है। पीड़ित छात्राओं के सामने न आने से आरोपी प्रोफेसर की ठसक बरकरार है।
प्रोफेसर के मोबाइल से रिकॉर्ड किये गए वीडियो
कॉलेज के भूगोल विभाग के प्रभारी डॉ. रजनीश की छात्राओं के साथ अश्लील हरकतों से जुड़े 59 वीडियो ने मामले की गूंज सोशल मीडिया के जरिये देशभर में पहुंचा दी है। प्रोफेसर के मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड किये गए हैं। अश्लील वेबसाइट्स पर इनमें से चंद वीडियो अपलोड भी किये गए हैं। गुमनाम शिकायती पत्र में 12 फोटो भी हैं। ख़ास बात ये है कि इस काण्ड का आरोपी चीफ प्रॉक्टर रजनीश ठसक के साथ इसे साजिश करार दे रहा है। 2023 में तत्कालीन डीएम ने जांच कराई थी। जिसमें क्लीनचिट मिली। पीड़िताओं के सामने न आने पर अफसरों ने बेनाम शिकायतों को कभी गंभीरता से नहीं लिया।
कॉलेज प्रशासन भी जिम्मेदार, फजीहत पर किया निलंबित
कालेज प्रशासन ने फजीहत के बाद आरोपी शिक्षक को निलंबित करने का आदेश जारी किया है। तमाम शिकायतों के बावजूद कॉलेज प्रशासन प्रोफेसर पर लगातार मेहरबान था। सचिव प्रदीप कुमार बागला ने कहा कि यह मामला अति गंभीर है। महाविद्यालय की छवि धूमिल-कलंकित हो रही है।
एसपी बोले-साइबर टीम चेक कर रही वीडियो, गिरफ्तारी को टीमें गठित
हाथरस के एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने ‘संदेश वाहक’ से कहा कि आरोपी शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। वीडियो को चेक करने के लिए साइबर टीम को लगाया गया है। कुछ वीडियो धुंधले हैं। एक भी पीडि़त छात्रा सामने नहीं आयी है। आरोपी की गिरफ्तारी का प्रयास हो रहा है। इसके लिए पुलिस टीमों का गठन किया गया है।
एसडीएम के नेतृत्व में बनाई गई जांच कमेटी : डीएम
हाथरस के डीएम राहुल पांडेय ने ‘संदेश वाहक’ से कहा कि मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक रूप से एसडीएम के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया गया है। जब पूछा गया कि आखिर किस डीएम ने आरोपी के खिलाफ जांच कमेटी बनाई थी, जिसमें उन्हें क्लीनचिट दी गयी, इस पर राहुल पांडेय ने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है।
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