अनदेखी: राष्ट्रीय राजमार्ग टांडा-बांदा पर मौत के मुहाने बने गड्ढे, NHI नहीं ले रहा सुध

Sandesh Wahak Digital Desk/Indrasen Singh: राष्ट्रीय राजमार्ग टांडा-बांदा पर बने गड्ढे इस पर सफर करने वालों के लिए मौत के मुहाने से कम नहीं है। इन गड्ढों के कारण हुई दुर्घटनाओं से एक वर्ष में कम से कम एक दर्जन से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि सैकड़ों घायल हो चुके हैं। वहीं इस मामले में प्रदेश सरकार की ओर से अपर जिलाधिकारी ने कई बार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को कई बार पत्र लिखा लेकिन आज तक हाईवे को दुरुस्त नहीं किया जा सका। लिहाजा इस मार्ग पर लोग जान हथेली पर रखकर सफर करने को मजबूर हैं।

लगातार पत्र लिखने के बाद भी एनएचएआई ने जर्जर राजमार्ग को नहीं किया दुरुस्त

अरबों रुपये से बनाए गए राष्ट्रीय राजमार्ग टांडा-बांदा की हालत दिनोंदिन खस्ता होती जा रही है। हाईवे पर जगह-जगह एक से डेढ़ फीट के गड्ढे बन गए हैं, जिससे आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। बरसात में पानी भर जाने से ये गड्ढे दिखाई नहीं पड़ते हैं लिहाजा दुर्घटना की आशंका और बढ़ जाती है। दो पहिया और चार पहिया वाहन चालक इन गड्ढों को देख नहीं पाते हैं और दुर्घटना हो जाती है। कई वर्ष से हाईवे को दुरुस्त कराने के लिए पत्र व्यवहार किया गया लेकिन अभी तक इसकी मरम्मत नहीं कराई गई है।

एक वर्ष में हादसों के चलते गई एक दर्जन से अधिक लोगों की जान, सैकड़ों घायल

गौरतलब है कि दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, लखनऊ सहित बड़े महानगरों के लिए इस हाइवे से बसों व अन्य भारी वाहनों की आवाजाही होती है। वहीं मंत्री, विधायक और उच्चाधिकारी भी इसी सडक़ का इस्तेमाल करते हैं लेकिन हालात सुधर नहीं रहे हैं। हरिशचंद्रपुर गांव से सुखारी गंज बैंक ऑफ बड़ौदा के पास बने बड़े गड्ढे के कारण हादसे होते रहते हैं। पहितीपुर बाजार के करीब दो बड़े गड्ढे हैं।

बीते पांच माह में इस हाईवे पर पांच लोगों की हो चुकी मौत

बरसात के समय में गड्ढों में पानी भर जाता है। आदमपुर तिदौंली गांव से सरहरि तक चार किलोमीटर तक छोटे-बड़े 25 गड्ढे हैं। महरूआ जनपद सीमा पर एक किलोमीटर पुलिस बैरियर तक 15 गड्ढे बने हुए हैं। इसकी वजह से यहां अक्सर लोग अनियंत्रित होकर गिर जाते हैं। अकबरपुर- मालीपुर मार्ग स्थित सिझौली तिराहा पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। भिखारीपुर बाईपास, सुखारी गंज, महरुआ जनपद की सीमा, गोहन्ना बाईपास, भिखारीपुर पर गड्ढों की भरमार है।

इसके कारण हुए हादसों के कारण बीते पांच माह में इस हाईवे पर पांच लोगों की मौत हुई जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए। अकबरपुर शहर के महेश कुमार की कार गड्ढे में फंस गयी थी। इससे वे घायल हो गए थे। धनेपुर गांव के बबीता सिंह की हादसे में मौत हो गयी थी। वहीं पहितीपुर बाजार में अज्ञात ट्रक की चपेट में आकर दो सगे भाई समेत तीन मौत हुई। सरहरि गांव के पास बोलेरो में चपेट में एक युवक सुखारी गंज चौराहे पर एक अन्य की मौत हो गई थी। जनपद की सीमा पर हुए हादसे में सिलावट गांव की कृपाराम की मौत हो गई थी। इसके बावजूद सडक़ को दुरुस्त नहीं कराया गया।

अपर जिलाधिकारी डॉ सदानंद गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय राज मार्ग को दुरुस्त कराने को लेकर कई बार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को पत्र लिखा गया है लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई।

क्या कहना है इनका?

राष्ट्रीय राजमार्ग काफी दिनों से खराब है। इस संदर्भ में सरकार से बातचीत करेंगे ताकि समस्या का समाधान हो सके।

रितेश पांडेय, निवर्तमान सांसद

टांडा-बांदा हाईवे गड्ढा युक्त हो चुका है, जिससे हादसे होते रहते हैं। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मनीष अग्रहरि, व्यापारी

गड्ढों के कारण हाईवे पर सफर जानलेवा हो गया है। एनएचएआई को इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि लोग सुरक्षित यात्रा कर सकें।

रत्नेश सिंह, प्रधान महरुआ

राजमार्ग पर चलना खतरे से खाली नही है। गड्ढों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

मनोज मिश्रा, ग्रामीण

राष्ट्रीय राजमार्ग की दुर्दशा की जिम्मेदार सरकार और विभागीय अधिकारी हंै। टैक्स पूरा लिया जाता है लेकिन वर्षो से खराब राजमार्ग की मरम्मत तक नहीं करायी जा रही है।

धर्मवीर बग्गा, समाजसेवी

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