बेहद विचित्र बीमारी है IDIOT Syndrome, इस तरह से रहें सावधान
आज हम आपको एक बेहद विचित्र बीमारी के बारे में बताने वाले हैं जिस बीमारी का नाम है ईडियट सिंड्रोम (IDIOT Syndrome)। ईडियट सिंड्रोम यानि Internet Derived Information Obstructing Treatment (IDIOT) Syndrome।
Sandesh Wahak Digital Desk: आज हम आपको एक बेहद विचित्र बीमारी के बारे में बताने वाले हैं जिस बीमारी का नाम है ईडियट सिंड्रोम (IDIOT Syndrome)। ईडियट सिंड्रोम यानि Internet Derived Information Obstructing Treatment (IDIOT) Syndrome। ईडियट सिंड्रोम उसे कहते है जब लोग ऑनलाइन उपलब्ध सभी चिकित्सा सूचनाओं पर आँख बंद करके भरोसा करते हैं और अपने चिकित्सक से परामर्श किए बिना अपना इलाज अचानक बंद कर देते हैं।
ईडियट सिंड्रोम (IDIOT Syndrome) को चिकित्सकीय रूप से साइबर कॉन्ड्रिया भी कहा जाता है। इससे पीड़ित लोग सोशल मीडिया, गूगल, यूट्यूब इत्यादि पर दी गई जानकारी पर बड़ी आसानी से भरोसा कर लेते हैं और चिकित्सक के द्वारा दिया गया उपचार बंद कर देता है।
यह बिल्कुल सही है कि इंटरनेट हमे बहुत सारी जानकारी प्रदान करता है जो अच्छी है और जागरूकता बढ़ाने में मदद करती है, लेकिन किस कीमत पर?
वेब पर उपलब्ध हर जानकारी पर ना करें विश्वास
इन दिनों ऑनलाइन इंटरनेट फैमिली डॉक्टर की पारंपरिक अवधारणा की जगह ले रहा है। रोगियों सहित बहुत से लोग वेब पर खोज करते हैं और फिर परामर्श करते हैं। इंटरनेट पर परामर्श लेना डॉक्टर और मरीज के पवित्र रिश्ते में वह संबंध है, जो ऐसी जानकारी मुहैया कराता है जिसे डॉक्टर कभी नहीं कर पाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मरीजों का डॉक्टरों पर से विश्वास उठ जाता है और फिर वे इंटरनेट से मदद लेने का सहारा लेते हैं। अब प्रवृत्ति यह है कि रोगी पहले वेब पर पढ़ते हैं और फिर परामर्श लेते हैं, यानि कि वे जानकारी को चिकित्सक से क्रॉस-वेरिफाई करेंगे।
अपने फैमिली डॉक्टर से जरुरु लें परामर्श
इंटरनेट अच्छे और बुरे से भरा पड़ा है। यह लोगों के हाथ में है कि किसको देखना और उसका अनुसरण करना है। इसके लिए भी इंटरनेट को देखकर अपने पारिवारिक चिकित्सक से सलाह मशवरा कर लेना अत्यंत आवश्यक है। इंटरनेट का उपयोग करें लेकिन इसके साथ ही साथ एक सामान्य सिद्धांत अवश्य याद रखें और वह यह है कि सभी रोगी अलग-अलग होते हैं, इसलिए प्रदान की गई जानकारी सिर्फ मार्गदर्शन ही कर सकती है, लेकिन प्रबंधन रोगी से रोगी में भिन्न हो सकता है। अपने डॉक्टरों में उस विश्वास का पुनर्निर्माण करना महत्वपूर्ण है।
भ्रामक साइटों से रहें जागरूक
अब एक प्रश्न उठता है कि क्या इंटरनेट पर सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी नकली है? ऐसा भी नहीं है। इंटरनेट पर स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती से जुड़ी सारी जानकारी अवैध या नकली नहीं होती है, परंतु कुछ साइटें केवल लोकप्रियता, विज्ञापन और रेटिंग हासिल करने के लिए नकली स्वास्थ्य सामग्री प्रकाशित करती हैं और मरीजों को दिग्भ्रमित करती हैं जो कि सरासर गलत है। लोगों को ऐसी साइटों पर नजर रखनी चाहिए जो उनके पाठकों को तमाम प्रकार से डराते हैं और अपना प्रचार को बढ़ाते हैं। ऐसी साइटों पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए।
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