Ibrahim Raisi’s visit Pakistan : ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का स्वागत कर फंसा पाकिस्तान, अमेरिका ने दी धमकी

Ibrahim Raisi’s visit to Pakistan : ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने अपना तीन दिवसीय दौरा समाप्त कर लिया है. सोमवार को पाकिस्तान में रईसी का ज़ोरदार स्वागत किया गया और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रईसी की तारीफ करते नहीं थके.

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना रईसी का स्वागत करके पाकिस्तान खुद फंस गया है. दोनों देशों की दोस्ती में फायदा सिर्फ ईरान का हुआ है. मौके की नजाकत को ध्यान में रखकर ईरान के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान का दौरा किया है.

विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान पर इस समय जंग का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि ईरान ने बीते सप्ताह इजरायल पर सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन हमले किए थे. इसके जवाब में इजरायल ने भी ईरान के इस्फ़हान शहर के पास ईरानी सैन्य अड्डे को निशाना बनाया था. ईरान ने भले ही इजरायल के हमले को तवज्जो न दी हो लेकिन अभी तक ईरान में युद्ध का खतरा टला नहीं है. ऐसे में ईरान के राष्ट्रपति का पाकिस्तान दौरा एक सोची-समझी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. इसी वजह से वह गंभीर हालत में अपने देश को छोड़कर पाकिस्तान के दौरे पर हैं, जबकि पाकिस्तान से तो कोई आर्थिक मदद मिलने वाली नहीं है.

ibrahim raisi-Shahbaz Sharif

इमरान खान ने भी की थी यही गलती

डिप्लोमेट्स का मानना है कि साल 2022 में यही गलती इमरान खान ने की थी. उन्होंने यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका होने के बावजूद रूस के राष्ट्रपित व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी, जबकि अमेरिका ने इस यात्रा को लेकर धमकी दी थी.

पुतिन से इमरान खान की मुलाकात के बाद 12 घंटे के भीतर रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया था. हालांकि तब इमरान खान को यकीन नहीं था कि रूस यूक्रेन पर हमला करेगा. इमरान खान की इसी यात्रा की वजह से जो बाइडेन ने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान इमरान से बात नहीं की. एक तरह से अमेरिका ने पाकिस्तान को आइशोलेसन में डाल दिया.

अमेरिका ने दी धमकी

अब एक बार फिर अमेरिका ने इसी तरह की धमकी दी है. अमेरिका ने कहा है कि ‘जो भी देश ईरान के साथ व्यापार करेगा, उसको अमेरिकी प्रतिबंधों के लिए तैयार रहना होगा.’ दूसरी तरफ रईसी के पाकिस्तान दौरे को ईरान और पाकिस्तान के बीच सबंधों में हो रहे सुधार के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि जनवरी महीने में दोनों देशों के बीच मिसाइलें चल रही थी. दोनों देश एक दूसरे पर आतंकी गतिविधि संचालित करने का आरोप लगा रहे थे, लेकिन ताजा भू-राजनीतिक हालात ने दोनों देशों को साथ आने के लिए मजबूर कर दिया है.

 

Read Also : UN : महिला सशक्तिकरण के लिए भारत ने किया संविधान संशोधन, संयुक्त राष्ट्र में बोलीं कंबोज

Get real time updates directly on you device, subscribe now.