केरल में पहली बार कमल खिलाने वाले सुरेश गोपी का बयान, बोले- मैं मंत्री नहीं बनना चाहता
Sandesh Wahak Digital Desk: अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह केंद्रीय मंत्री बनने के बारे में नहीं सोच रहे हैं, वह बस इतना चाहते हैं कि मंत्रालय केरल के लोगों के कल्याण के लिए उनके द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओं को क्रियान्वित करें।
गोपी ने केरल में भाजपा के लिए त्रिशूर लोकसभा सीट जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने अनुरोध किया कि उन्हें एक मंत्रालय तक सीमित न रखा जाए, क्योंकि वह एक सांसद के रूप में लोगों के लिए मंत्री की तुलना में अधिक काम कर सकते हैं।
संवाददाताओं से जब उनसे पूछा कि वह किस मंत्रालय का नेतृत्व करना पसंद करेंगे तो उन्होंने कहा कि कृपया मुझे एक कमरे तक सीमित न रखें। एक सांसद के रूप में मैं विभिन्न मंत्रालयों का काम कर सकता हूं। मैं मंत्री नहीं बनना चाहता। काम करने के नए क्रांतिकारी मंच हो सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा मैं बस इतना चाहता हूं कि जब मैं दृढ़ संकल्प के साथ केरल के लोगों के लिए कोई परियोजना लेकर जाऊं तो संबंधित मंत्रालय उसे लागू करें।
गोपी ने यह भी कहा कि त्रिशूर से जीतने के कारण सांसद के रूप में उनका काम यहीं तक सीमित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि वह केरल और पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के लिए भी सांसद के रूप में काम करेंगे।
त्रिशूर में भाजपा नेता की जीत सत्तारूढ़ माकपा नीत एलडीएफ और कांग्रेस नीत यूडीएफ के लिए करारा झटका है, जिन्होंने अंतिम क्षण तक विभिन्न एग्जिट पोल को खारिज किया था। इन एक्जिट पोल में गोपी की जीत और राज्य में कमल खिलने यानी भाजपा की जीत की संभावना जताई गई थी।
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