वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में आज से सुनवाई, 73 याचिकाओं पर होगी बहस

Sandesh Wahak Digital Desk: वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर जारी सियासी और कानूनी बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट में आज से इस कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू होगी। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता में तीन जजों की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। अब तक इस कानून के खिलाफ करीब 73 याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं।

इन याचिकाओं में प्रमुख याचिकाकर्ताओं में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB), जमीयत उलेमा-ए-हिंद, कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, मोहम्मद जावेद, और डीएमके जैसे राजनीतिक और धार्मिक संगठन शामिल हैं। तो वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अब तक 10 याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है, जबकि कई अन्य याचिकाएं भी लंबित हैं जिन्हें जल्द सूचीबद्ध किया जाएगा।

इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है, जिसमें अदालत से अनुरोध किया गया है कि किसी भी आदेश को पारित करने से पहले सरकार को सुना जाए। यह कानून हाल ही में संसद से पारित हुआ था और इसे अधिसूचित भी कर दिया गया है।

याचिकाओं में क्या कहा गया?

ओवैसी की ओर से अधिवक्ता लजफीर अहमद द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि वक्फ संपत्तियों को दिए गए संरक्षण में कटौती करना मुसलमानों के साथ भेदभाव है, जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है। वहीं AIMPLB ने 6 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और अब इसके विरोध में एक जन आंदोलन भी शुरू कर दिया है।

‘वक्फ बचाओ अभियान’ की शुरुआत

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 11 अप्रैल से ‘वक्फ बचाओ अभियान’ शुरू किया है, जो 87 दिनों तक, यानी 7 जुलाई तक चलेगा। इस अभियान में वक्फ कानून के विरोध में एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।

वक्फ संशोधन बिल की टाइमलाइन

  • 1954 में वक्फ अधिनियम पहली बार अस्तित्व में आया, जिसमें वक्फ संपत्तियों की देखरेख के लिए कानूनी ढांचा तैयार किया गया।
  • 1955 में राज्यों में वक्फ बोर्ड बनाए गए।
  • वर्तमान में देश में करीब 32 वक्फ बोर्ड कार्यरत हैं, जिनमें कुछ राज्यों में शिया और सुन्नी के लिए अलग बोर्ड हैं।
  • वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 को 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में पेश किया गया और उसी दिन इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया।
  • समिति की रिपोर्ट 30 जनवरी 2025 को प्रस्तुत हुई।
  • बिल को 2 अप्रैल 2025 को लोकसभा और 3 अप्रैल 2025 को राज्यसभा में पारित किया गया।
  • इसके बाद वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के रूप में अधिसूचित कर दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में अब यह तय होगा कि क्या यह नया कानून संवैधानिक परीक्षण पर खरा उतरता है या नहीं। तमाम याचिकाकर्ता इसे धार्मिक और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

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