Health Care: बदलते मौसम में थायरॉइड बन सकता है खतरा, योग और आयुर्वेद से पाएं राहत

Health Care: बदलते मौसम में सेहत संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ जाती हैं, जिनमें थायरॉइड की समस्या भी प्रमुख है। भारत में हर 10 में से 1 व्यक्ति इस बीमारी से प्रभावित है, लेकिन कई लोगों को इसके लक्षणों का समय पर पता नहीं चलता। थायरॉइड हार्मोन शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के अलावा दिल, लिवर, किडनी और ब्रेन के लिए भी जरूरी होता है।

अगर शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन की कमी होती है, तो वजन बढ़ना, थकान, बाल झड़ना, स्किन एलर्जी, हाथ-पैरों में झनझनाहट जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, ज्यादा बनने पर हाइपरथायरॉइडिज्म हो सकता है, जिससे घबराहट, दिल की धड़कन तेज होना, वजन तेजी से घटना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

योग से होगा थायरॉइड कंट्रोल

योग की मदद से थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय रखा जा सकता है। सूर्य नमस्कार, सर्वांगासन, पवनमुक्तासन, हलासन, उष्ट्रासन, मत्स्यासन और भुजंगासन जैसे योगासन इस समस्या में बेहद फायदेमंद हैं। नियमित रूप से इनका अभ्यास करने से ब्रेन में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है, दिल मजबूत होता है और लिवर-किडनी का कार्य बेहतर होता है।

आयुर्वेदिक उपचार भी हैं प्रभावी

थायरॉइड से बचाव के लिए आयुर्वेद में कई कारगर उपाय बताए गए हैं:
– मुलेठी: गले और थायरॉइड ग्लैंड को हेल्दी बनाए रखती है।
– तुलसी-एलोवेरा जूस: इम्यूनिटी मजबूत करता है और हार्मोन संतुलित रखता है।
– त्रिफला: रोजाना 1 चम्मच त्रिफला लेने से थायरॉइड कंट्रोल में रहता है।
– अश्वगंधा: रात में गर्म दूध के साथ लेने से शरीर में हार्मोन बैलेंस रहता है।

डाइट और परहेज है जरूरी

थायरॉइड की समस्या में अलसी, नारियल, मशरूम, हल्दी दूध और दालचीनी जैसे फूड्स फायदेमंद होते हैं, जबकि चीनी, सफेद चावल, केक-कुकीज, ऑयली फूड और सॉफ्ट ड्रिंक्स से बचना चाहिए।

अगर थायरॉइड की बीमारी को सही समय पर कंट्रोल नहीं किया गया, तो हार्ट प्रॉब्लम, प्रेग्नेंसी कॉम्प्लिकेशन और आर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए योग, आयुर्वेद और सही लाइफस्टाइल अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है।

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