Health Care: भीगा हुआ या भुना चना- सेहत के लिए कौन सा है बेहतर? जानिए एक्सपर्ट की राय

Health Care: चना भारतीय आहार में प्रोटीन, फाइबर और पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। इसे भिगोकर या भूनकर दोनों रूपों में खाया जाता है, लेकिन अक्सर लोग यह सवाल करते हैं कि सेहत के लिए कौन सा विकल्प ज्यादा फायदेमंद है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने पोषण विशेषज्ञों से बातचीत की।

भीगे हुए चने के फायदे:

डायटीशियन और आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, चने को भिगोने से उसमें मौजूद पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ जाती है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करते हैं।

– बेहतर पाचन: भिगोने से चने की कठोरता कम होती है, जिससे यह आसानी से पच जाता है और गैस की समस्या नहीं होती।
– वजन प्रबंधन: इसमें उच्च मात्रा में फाइबर और प्रोटीन होता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है और ओवरईटिंग से बचाव होता है।
– हृदय स्वास्थ्य: इसमें मौजूद मैग्नीशियम और पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होते हैं।
– ब्लड शुगर नियंत्रण: इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होता है।

भुने हुए चने के फायदे:

– ऊर्जा का अच्छा स्रोत: इसमें प्रोटीन और फाइबर भरपूर होता है, जो शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करता है।
– मांसपेशियों की मजबूती: इसमें मौजूद प्रोटीन मांसपेशियों की मरम्मत और विकास में सहायक होता है।
– डायबिटीज प्रबंधन: यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाकर टाइप 2 मधुमेह के नियंत्रण में मदद कर सकता है।
– हड्डियों के लिए फायदेमंद: इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।

बता दे, भिगोया हुआ और भुना हुआ दोनों ही चना सेहत के लिए लाभदायक हैं। यदि आप पाचन और हृदय स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं, तो भीगा हुआ चना बेहतर विकल्प है। वहीं, अगर आपको स्नैकिंग के लिए हेल्दी और एनर्जी से भरपूर आहार चाहिए, तो भुना हुआ चना उपयुक्त रहेगा।

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