पेपर लीककांड: दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबल गिरफ्तार, 20 लाख के रिसॉर्ट में अभ्यर्थियों को रटवाए थे पेपर
Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी पुलिस सिपाही पेपर लीककांड में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल विक्रम पहल को एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने बागपत से गिरफ्तार किया है। आरोपी वर्तमान में निलंबित चल रहा है। आरोपी के पास से एक प्रश्न पत्र, एक उत्तर कुंजी, एक मोबाइल और एक आधार कार्ड बरामद किया है। आरोपी विक्रम पहल गिरोह के सरगना रवि अत्री को संरक्षण और बाकी मदद देता था। आरोपी की पुलिस के लोगो लगी कार को भी पेपर लीक में इस्तेमाल किया गया था। फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि सिपाही भर्ती का पेपर फरवरी 2024 में रवि अत्री गिरोह ने लीक कराया था। इसके बाद इस पेपर को गुरुग्राम के मानेसर स्थित नेचर वेली रिसोर्ट और भोपाल के शिव महाशक्ति रिसोर्ट में 1500 से ज्यादा अभ्यर्थियों को पढ़ाया गया था। इस संबंध में पेपर लीक की जानकारी होने पर यूपी सरकार ने परीक्षा निरस्त कर दी थी और इसके बाद जांच एसटीएफ को दी थी।
एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने बागपत से दबोचा
इस मामले में अभी तक एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने मुकदमा दर्ज करते हुए 18 आरोपियों की गिरफ्तारी की है। वहीं, गिरोह के मुख्य मास्टरमाइंड रवि अत्री, अभिषेक शुक्ला और राजीव नयन मिश्रा को भी एसटीएफ जेल भेज चुकी है। दूसरी ओर रवि अत्री के करीबी और संरक्षण देने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल विक्रम पहल की एसटीएफ को तलाश थी।
एएसपी एसटीएफ बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार को एसटीएफ ने आरोपी विक्रम पहल निवासी जींद हरियाणा को बागपत में पेरीफेरल एक्सप्रेस वे से दबोच लिया। आरोपी यहां पर अपने साथी के इंतजार में खड़ा था। आरोपी विक्रम पहल ने खुलासा किया कि वर्ष 2021 में सोनीपत के पुराने दोस्त नितिन ने ही रवि अत्री से मुलाकात कराई थी। बताया था कि रवि अत्री प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कराता है।
इसके बाद रवि अत्री के साथ परीक्षाओं के पेपर लीक कराने लगा, साथ ही इस काम के लिए रवि अत्री, नितिन और विक्रम समेत कई आरोपियों ने एक-एक अलग फोन और सिम लिया था।
2010 में दिल्ली पुलिस में हुआ था भर्ती
हरियाणा के जींद के बराह खुर्द निवासी आरोपी विक्रम पहल साल 2010 में दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुआ था। आरोपी की पोस्टिंग तृतीय बटालियन, यातायात पुलिस और सीएम बटालियन नई दिल्ली में रही है। वर्तमान में आरोपी हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है और एसटीएफ की रिपोर्ट के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने आरोपी को निलंबित कर दिया है।
विक्रम पहल, इंद्रजीत और दाउद ने बुक कराया था रिसॉर्ट
विक्रम पहल ने पूछताछ में खुलासा किया कि यूपी पुलिस का पेपर लीक कराने के बाद रवि अत्री ने किसी ऐसी जगह को तलाश करने के लिए कहा था, जहां पर केवल अभ्यर्थियों को रुकवाया जा सके और पेपर पढ़ाया जा सके। इसके बाद अपने साथी इंद्रजीत उर्फ गुनिया और दाउद के साथ मिलकर नेचर वेली रिसॉर्ट के मालिक सुशील से संपर्क किया था और 20 लाख में रिसॉर्ट बुक किया। बताया कि इंद्रजीत उर्फ गुनिया और विक्की उर्फ दाउद दोनों ही हरियाणा के झज्जर जिले के गांव किलोई के रहने वाले हैं।
बिहार के राजन ने पहुंचाये थे पेपर
विक्रम पहल ने कबूला कि 15 फरवरी को उन्हें पेपर रवि अत्री द्वारा दिया जाना था, लेकिन पेपर नहीं आया। इसके बाद सभी अभ्यर्थियों को वहीं रिसोर्ट में रुकवाया गया था। इसके बाद 16 फरवरी की सुबह रवि का कॉल आया और बताया कि उत्तर कुंजी समेत पेपर उन्हें राजन देगा। पेपर लेने के लिए आरोपी कार से दिल्ली में रोहतक रोड बार्डर पर गए थे। बताया कि राजन बिहार के दरभंगा का निवासी है और उसकी दरभंगा में ही कृष्णा डिजिटल के नाम से एक लैब है। राजन दिल्ली के रोहिणी में एक अपार्टमेंट में फ्लैट लेकर रह रहा है।
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