Lucknow: बटलर पैलेस को ‘बुक कैफे‘ बनाने की प्रक्रिया शुरू, सांस्कृतिक केंद्र के तौर पर होगी विकसित

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण और पुनरुद्धार की दिशा में योगी सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। इसके तहत बटलर पैलेस को बुक कैफे और सांस्कृतिक केंद्र में तब्दील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह केंद्र प्रदर्शनी, वर्कशॉप, आर्ट गैलरी और विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन करेगा।
बटलर पैलेस का निर्माण 1915 में राजा महमूदाबाद द्वारा अवध प्रांत के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर सर स्पेंसर हारकोर्ट बटलर की स्मृति में किया गया था। समय के साथ यह इमारत उपेक्षित होती गई, लेकिन अब योगी सरकार इसे संस्कृति और विरासत के केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। यह इमारत हॉन्टेड स्थानों की सूची में भी शामिल है, जिससे इसकी ऐतिहासिकता और रहस्य और बढ़ जाता है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करते हुए इसके कायाकल्प की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया गया है, जो ‘पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल’ के तहत इसे नया स्वरूप देगी।
मार्च 2025 तक बुक कैफे का उद्घाटन
परियोजना के तहत मार्च 2025 तक बटलर पैलेस को एक आधुनिक बुक कैफे और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित कर दिया जाएगा। इसमें संरचनात्मक मरम्मत, बाहरी स्वरूप का संरक्षण, बुनियादी सुविधाओं का उन्नयन और लाइटिंग जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्थानीय लोगों और पर्यटकों को लखनऊ की विरासत से जोड़ना और उन्हें अध्ययन व सांस्कृतिक गतिविधियों का अनूठा अनुभव प्रदान करना है।
बुक कैफे में क्या होगा खास?
- अध्ययन सामग्री और किताबों के साथ स्नैक्स व पेय पदार्थ उपलब्ध होंगे।
- साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन के लिए कोचिंग संस्थानों का सहयोग लिया जाएगा।
- स्थानीय कलाकारों की प्रदर्शनी, शिल्प मेले और ऐतिहासिक विषयों पर चर्चा सत्र आयोजित किए जाएंगे।
- विशेष आर्ट गैलरी स्थापित की जाएगी, जिसमें लखनऊ के इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी।
- लाइट एंड साउंड शो के जरिए लखनऊ के इतिहास और उससे जुड़ी कहानियों को दर्शाया जाएगा।
बहुउद्देशीय सांस्कृतिक केंद्र का रूप
बटलर पैलेस को केवल एक बुक कैफे तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसे एक बहुउद्देशीय सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां कला प्रदर्शनियां, फिल्म स्क्रीनिंग, वर्कशॉप, शिल्प मेले और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। सरकार का लक्ष्य इस ऐतिहासिक इमारत को आधुनिक स्वरूप में संरक्षित कर इसे युवाओं और कला प्रेमियों के लिए आकर्षण केंद्र बनाना है।
योगी सरकार का यह कदम राज्य की ऐतिहासिक विरासत को संजोने और उसे नए रूप में विकसित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। बटलर पैलेस का ‘बुक कैफे’ और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में कायाकल्प न केवल लखनऊ की पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि पर्यटन, साहित्य और कला के क्षेत्र में भी नए अवसरों का सृजन करेगा। यह परियोजना लखनऊ के गौरवशाली इतिहास को जीवंत करने और आने वाली पीढ़ियों को इससे जोड़ने का कार्य करेगी।
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