हरियाणा: नायब सिंह सैनी की सरकार अल्पमत में, कांग्रेस ने पेश किया बहुमत का दावा
Haryana Political Crisis : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बहुमत का दावा किया है. उन्होंने कहा है कि राज्य में नायब सिंह सैनी की सरकार अल्पमत में आ गई है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के विधायक एकजुट हैं.
विधायकों की परेड करा देंगे
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधायकों की संख्या गिनवाते हुए कहा कि कांग्रेस के 30, जेजेपी के 10, निर्दलीय 3 हैं. इसके साथ ही उन्होंने बलराज कुंडू और अभय चौटाला को मिलाकर कुल 45 विधायकों की संख्या बताई है. साथ ही विधायकों के परेड कराने की भी बात कही है.
नैतिकता के आधार पर माँगा इस्तीफा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से इस्तीफा मांगा है. इसके साथ ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर नए सिरे से विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है. विपक्ष के नेता और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा के सचिव शादी लाल कपूर ने हरियाणा राजभवन को पत्र लिखकर राज्य की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर राज्यपाल से समय मांगा है. इसके लिए राज्यपाल से 10 मई को वक्त देने का अनुरोध किया गया है.
जेजेपी हुई एक्टिव
जननायक जनता पार्टी भी एक्टिव नजर आने लगी है. जेजेपी ने राज्यपाल बंडारू दत्रातेय को चिट्ठी लिखकर राज्य की मौजूदा सियासी हालात पर उचित फैसला लेने का अनुरोध किया है. जेजेपी नेता और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को भेजे पत्र में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया है.
3 निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से संकट!
हरियाणा में उस समय सियासी उलटफेर देखने को मिला जब, राज्य में 7 मई को तीन निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी की सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था. हरियाणा की नायब सिंह सैनी की सरकार से समर्थन लेने वाले तीन विधायकों में पुंडरी के रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी के धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी के सोमवीर सांगवान का शामिल हैं. 7 मई को बकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापसी की घोषणा की थी. इस दौरान कांग्रेस नेता भूपिंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि सही वक्त पर लिया गया फैसला जरूर रंग लाएगी.
क्या है विधानसभा का गणित
हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद नायब सिंह सैनी सरकार के पास 43 विधायकों का ही आंकड़ा है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और रणजीत चौटाला के इस्तीफे के बाद राज्य विधानसभा में कुल विधायकों का आंकड़ा 88 है. इस आंकड़े के हिसाब से राज्य में बहुमत के लिए 45 विधायकों के समर्थन की जरूरत है.