यौन उत्पीड़न मामला: प्रज्वल रेवन्ना देश लौटे, एयरपोर्ट से SIT ने किया गिरफ्तार

Sandesh Wahak Digital Desk: कई महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) के निलंबित नेता प्रज्वल रेवन्ना के जर्मनी से यहां पहुंचने के कुछ मिनट बाद ही उन्हें इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया।

सांसद प्रज्वल रेवन्ना (33) के म्यूनिख से बेंगलुरु लौटते ही एसआईटी ने केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उन्हें पूछताछ के लिए एसआईडी (अपराध जांच विभाग) के कार्यालय ले जाया गया।

यह सुनिश्चित करने के लिए हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था कि प्रज्वल को जांच के लिए पुलिस थाने सुरक्षित लाया जा सके। जनता दल (सेक्युलर) के संरक्षक एच. डी. देवेगौड़ा के पोते और हासन लोकसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार प्रज्वल (33) पर महिलाओं का यौन शोषण करने का आरोप है। उनके खिलाफ अभी तक यौन उत्पीड़न के तीन मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।

कुछ दिनों पहले जारी किया था वीडियो

प्रज्वल ये आरोप लगने के करीब एक महीने बाद बेंगलुरु लौटे हैं जिसके बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें हिरासत में ले लिया और एसआईटी को सौंप दिया। उसके खिलाफ अदालती वारंट लंबित था। सूत्रों ने बताया कि औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एसआईटी ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस प्रज्वल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक अलग निकास द्वार से अपने साथ लेकर गई। प्रज्वल ने एक वीडियो बयान जारी कर वादा किया था कि वह 31 मई को एसआईटी के समक्ष पेश होंगे।

प्रज्वल लोकसभा चुनाव के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र में हुए मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को जर्मनी चले गए थे। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के माध्यम से किए गए एसआईटी के अनुरोध के बाद इंटरपोल ने प्रज्वल के खिलाफ एक ‘ब्लू कॉर्नर नोटिस’ जारी किया था। एसआईटी द्वारा अर्जी दाखिल किए जाने के बाद, निर्वाचित प्रतिनिधियों की एक विशेष अदालत ने 18 मई को प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने केंद्र से उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का आग्रह किया है।

विदेश मंत्रालय ने इससे पहले प्रज्वल रेवन्ना को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि उनके खिलाफ यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर कर्नाटक सरकार द्वारा की गई मांग के अनुसार उनका राजनयिक पासपोर्ट क्यों न रद्द कर दिया जाए।

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