Gyanvapi Case: सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को झटका, ब्रजेश पाठक बोले- ‘प्रभु की इच्छा’, अखिलेश ने कसा तंज
Gyanvapi Case : ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी की अदालत से झटका मिलने के बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की अर्जी डाली थी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया है।
वाराणसी अदालत के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के सीलबंद तहखाने के ‘व्यास का तहखाना’ में रात को कड़ी सुरक्षा के बीच पूजा-अर्चना की गई है। परिसर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। तो वहीं डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने ज्ञानवापी मामले पर कहा सब प्रभु की इच्छा है।
बुधवार देर रात वाराणसी डीएम, पुलिस कमिश्नर, डीसीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों की टीम कोर्ट आदेशानुसार ज्ञानवापी परिसर के तहखाने पहुंची। रात्रि तकरीबन 11 बजे भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अर्चकों द्वारा भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा की गई। आरती उतारी गई और विधि विधान से पूजा की गई।
मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पूजा की इजाजत देने वाले आदेश के खिलाफ तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय जाने के लिए कहा है।
काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडे ने बताया कि रात करीब 11 बजे 31 साल बाद व्यास जी का तहखाना पूजा-पाठ के लिये खोला गया। उसकी सफाई कराई गई। तहखाने में ‘व्यासजी के वजुखाने’ की पूजा में व्यास परिवार शामिल हुआ। रात करीब 12 बजकर 30 मिनट पर पूजा शुरू हुई। वहां गंगा जल से शुद्धिकरण के बाद शुरू पूजा हुई।
अखिलेश यादव बोले- नियत प्रक्रिया से परे
वाराणसी जिला अदालत द्वारा हिंदू समुदाय को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार दिये जाने के बाद तहखाने को खोलकर उसमें पूजा की गई। जिसपर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए इसे नियत प्रक्रिया से परे गतिविधि करार दिया है।
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