Guillain-Barré Syndrome: गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से बचने के लिए डाइट में करें ये बदलाव, यहां जानें परहेज
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Guillain-Barré Syndrome: महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पुणे और सोलापुर में कई मामले सामने आने के बाद, 26 जनवरी तक राज्य में 101 सक्रिय मरीजों की पुष्टि की गई है। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के मामले प्रमुख रूप से पुणे, पिंपरी चिंचवाड़ और अन्य जिलों से सामने आ रहे हैं। इस बीमारी से बचने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि मरीजों को डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए।
न्यूरोलॉजी की एक विशेषज्ञ ने इस संबंध में बताया है, जिसमें उन्होंने इस सिंड्रोम से बचने के लिए डाइट में कुछ बदलावों की सलाह दी है। उनके अनुसार, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से बचने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन न करना चाहिए।
इन खाद्य पदार्थों से बचने की है ज़रूरत
एक्सपर्ट के मुताबिक, पनीर, चावल और चीज़ जैसे खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी है। पनीर और पनीर आधारित डेयरी उत्पादों में बैक्टीरिया पनपने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि इनमें नमी की मात्रा अधिक होती है। वहीं, पके हुए चावल में बैसिलस सेरेस बैक्टीरिया हो सकता है, जो कमरे के तापमान पर रखने पर विषाक्त पदार्थ पैदा कर सकता है, जिससे फूड पॉइज़निंग का खतरा बढ़ता है।
इसके अलावा, डॉक्टर ने यह भी बताया कि फलों और सब्जियों को अच्छे से धोकर खाना चाहिए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
ये हो सकते हैं लक्षण
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के लक्षणों में मांसपेशियों की कमजोरी, हाथ-पैरों में असहज झनझनाहट और कमजोरी होती है। इस बीमारी का इलाज समय पर न मिलने पर यह गंभीर हो सकता है। इसलिए, डॉक्टरों का कहना है कि अपनी डाइट पर विशेष ध्यान दें और बाहर का खाना खाने से बचें।