दहेज कुप्रथा को रोकने के लिए शासन का बड़ा कदम, अब सरकारी कर्मचारियों को देना होगा ये शपथपत्र
Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश में दहेज की कुप्रथा पर लगाम लगाने के लिए शासन स्तर पर कार्यवाई शुरू हो गई है। अब ऐसे में सरकारी सेवा में कार्यरत अधिकारी या कर्मचारी अपनी शादी में किसी भी प्रकार का दहेज नहीं ले सकेंगे। उन्हें शादी के समय का जिक्र करते हुए अपने नियुक्ति अधिकारी को यह शपथ पत्र देना होगा कि उन्होंने अपनी शादी में किसी तरह का दहेज नहीं लिया है।
महिला कल्याण विभाग की निदेशक संदीप कौर ने सभी विभागाध्यक्षों को दिशा निर्देश जारी किया है कि सरकारी सेवकों से इसका शपथ पत्र लिया जाए। इसके लिए निर्धारित फॉर्मेट में एक शपथ पत्र भरकर देना होगा, जिसमें स्पष्ट करना होगा कि उसने शादी के समय या बाद में दहेज नहीं लिया है।
शिक्षकों ने किया फैसले का स्वागत
वाराणसी में शिक्षकों ने इस व्यवस्था का स्वागत करते हुए कहा कि वे दहेज नहीं लेंगे और विद्यार्थियों व अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे। सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों को अपनी शादी में दहेज लेने से रोक लगाने के लिए शासन स्तर से पहल शुरू हो गई है। शासन उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 2004 का पालन सख्ती से कराने के लिए सक्रिय हो गया है।
वाराणसी में शिक्षकों ने इस निर्देश का स्वागत करते हुए कहा कि हमें दहेज नहीं, पढ़ी-लिखी लड़की को प्राथमिकता देनी चाहिए। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सकलदेव सिंह ने कहा कि शासन के इस आदेश का पालन हर शिक्षक करेगा और विद्यार्थियों व अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगा। शैक्षिक महासंघ के कार्यकारी जिलाध्यक्ष ज्योतिप्रकाश ने कहा कि समाज के लिए अभिशाप दहेज के कारण कई मासूम लड़कियों ने आत्महत्या कर ली।
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