Gonda: दो साल से बिना आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं के हो रहा इलाज
देवीपाटन मंडल के सरकारी अस्पताओं का हाल, करोड़ों के बजट के बावजूद औषधियों का टोटा
Sandesh Wahak Digital Desk/A.R.Usmani : सरकारी अस्पतालों में एलोपैथ के साथ आयुर्वेद और होम्योपैथ की दवाओं से मरीजों को इलाज की सुविधा मुहैया कराने की शासन की मंशा पर देवीपाटन मंडल में पानी फिर रहा है। मंडल के चारों जिलों में बिना आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक दवाओं के मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
एलोपैथ के साथ होम्योपैथ व आयुर्वेद से इलाज मुहैया कराने की सरकार की मंशा पर फिर रहा पानी
प्रदेश की योगी सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में एमबीबीएस डॉक्टरों की भारी कमी और मरीजों को एलोपैथ के साथ होम्योपैथ व आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज मुहैया कराने के मद्देनजर आयुष चिकित्सकों की तैनाती गई है। अस्पतालों में आयुष चिकित्सकों की तैनाती के बाद कुछ समय तक तो सब ठीक रहा लेकिन सिस्टम के आगे सरकार की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
दरअसल, देवीपाटन मंडल, गोण्डा के जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात 98 आयुष चिकित्सक पिछले दो साल से बिना आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक औषधि के मरीजों का उपचार कर रहे हैं। इसका खुलासा पिछले दिनों मंडलीय शिकायत निवारण समिति की बैठक में हुआ। जहां अस्पतालों में पिछले दो साल से औषधि न मिलने का मुद्दा छाया रहा। औषधि का स्टॉक न होने से एलोपैथ के अलावा आयुर्वेद व होम्योपैथ दवाओं से मरीजों को इलाज की सुविधा देने की शासन की मंशा परवान नहीं चढ़ पा रही है।
सभी चार जिलों में तैनात हैं 98 आयुष चिकित्सक
बताते चलें कि गोण्डा जिले में 26 आयुष चिकित्सकों की तैनाती है। वहीं पूरे देवीपाटन मंडल में 98 आयुष चिकित्सक हैं, जिन्हें विभाग की ओर से औषधि नहीं दी जा रही है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि हर साल करोड़ों रुपये का बजट आयुष के तहत मिलने के बाद भी औषधियां नहीं मिल पा रही हैं। दो साल से चिकित्सक एलोपैथिक की दवाओं के सहारे मरीजों का उपचार कर रहे हैं। इतना ही नहीं आयुष चिकित्सकों को समय से मानदेय भी नहीं मिल पा रहा है।
आयुष की दवाएं खरीदने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 में बजट ही नहीं मिला था। नए सत्र में बजट आया है। मंडल के चारों जिलों गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच व श्रावस्ती के सीएमओ को जल्द ही खरीद प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
डॉ. जयंत कुमार, एडी हेल्थ
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