Gonda: दरोगा-सिपाही से लेकर सीओ तक के दामन पर रिश्वत का दाग!
Sandesh Wahak Digital Desk/A. R. Usmani: ‘बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफी है, हर शाख पे उल्लू बैठे हैं अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा।’ शौक़ बहराइची की ये पंक्तियां जिले की मित्र पुलिस पर बिल्कुल सटीक बैठ रही हैं। रिश्वतखोरी के लिए बदनाम खाकी वर्दी पर उसके अपने ही दाग़ लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। एक के बाद एक मामले खाकी के दामन को न सिर्फ दागदार कर रहे हैं बल्कि सिस्टम पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
पुलिस महकमे में थम नहीं रहा रिश्वतखोरी का सिलसिला
जिले के वजीरगंज थाने में तैनात दरोगा आनंद उपाध्याय 21 जून को मुख्य आरक्षी स्वामीनाथ के साथ गश्त पर निकले थे। इसी बीच एक ट्रक को रोक लिए और ओवरलोडिंग के नाम पर कार्रवाई करने की धमकी देकर चालक से 10 हजार रूपए की रिश्वत मांगी। ट्रक चालक गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन दरोगा ने उसकी एक न सुनी। इतना ही नहीं, दरोगा ने रकम न देने पर ट्रक सीज कर देने की धमकी तक दे डाली। इस पर मजबूर होकर ट्रक चालक रकम देने को राजी हो गया। चालक के पास 10 हजार रुपये नकद नहीं थे।
इस पर दरोगा आनंद उपाध्याय ने अपने भाई के खाते में 10 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए। वहां से निकलने के बाद ट्रक चालक ने रुपये ट्रांसफर करने का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। इसका संज्ञान लेते हुए एसपी विनीत जायसवाल ने मामले की जांच सीओ तरबगंज सौरभ वर्मा से कराई। सीओ की जांच में दरोगा व मुख्य आरक्षी पर लगाए गए आरोप सही पाए गए।
मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने दरोगा आनंद उपाध्याय व मुख्य आरक्षी स्वामीनाथ को रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया। दोनों के खिलाफ एसपी ने विभागीय जांच भी बैठा दी। घूसखोरी का यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि नगर कोतवाली की बड़गांव पुलिस चौकी पर तैनात दरोगा व दो मुख्य आरक्षियों की करतूतों ने भी खाकी के दामन को दागदार कर दिया।
दहेज हत्या में नामजद आरोपी का नाम निकलवाने के लिए मांगी तीन लाख रिश्वत
दरअसल, नगर क्षेत्र के बरियार पुरवा में एक मकान का निर्माण कार्य चल रहा था। मकान बनवा रहे व्यक्ति का पड़ोसी से विवाद हो गया। इसकी सूचना पर बडग़ांव चौकी प्रभारी प्रेमानंद, कोतवाली नगर के मुख्य आरक्षी राहुल मिश्र व मुख्य आरक्षी पवन यादव मौके पर गए, जहां दोनों पक्षों से समझौता कराने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बन सकी।
हालांकि, बाद में दोनों पक्षों ने आपस में सुलह-समझौता कर लिया। फिर भी पुलिस ने दोनों पक्षों बुलाकर 50 हजार रुपये की मांग की। बाद में 15 हजार रुपये में मामला तय हो गया। इसी दौरान किसी ने पूरे मामले का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। वीडियो को संज्ञान में लेकर पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बडग़ांव चौकी प्रभारी प्रेमानंद, कोतवाली नगर के मुख्य आरक्षी राहुल मिश्र व मुख्य आरक्षी पवन यादव को लाइन हाजिर कर दिया था।
सीओ सिटी ऑफिस में तैनात पेशकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज, गया जेल
अब रिश्वतखोरी का ताजा मामला सीओ सिटी के आफिस से जुड़ा हुआ है। जिले के देहात कोतवाली क्षेत्र के दुरगोड़वा गांव के रहने वाले संतोष कुमार ने दहेज हत्या में नामजद आरोपी का नाम निकलवाने के लिये तीन लाख घूस मांगने की साक्ष्य के साथ शिकायत की थी। आरोप सीओ सिटी के कार्यालय में तैनात पेशकार दिलीप प्रजापति पर लगाया गया था। दिलीप को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
तत्कालीन सीओ सिटी पर भी गिर सकती है गाज
महकमे में रिश्वतखोरी के बढ़ते मामलों को लेकर एसपी एक्शन मोड पर आ गए हैं। यही वजह है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने तत्कालीन सीओ सिटी विनय कुमार सिंह के खिलाफ भी विभागीय जांच शुरू करा दी है। इसके साथ ही शासन को भी रिपोर्ट भेजी जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि पूर्व सीओ सिटी के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है। बताते चलें कि मौजूदा समय में विनय सिंह सीओ सर्किल तरबगंज में तैनात हैं।
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