Gonda News: घटना के पंद्रह दिन बाद पीड़ित पक्ष पर केस दर्ज कर फंसी मोतीगंज पुलिस
Sandesh Wahak Digital Desk: दिसंबर माह की 21 तारीख को बुजुर्ग की दबंगों द्वारा जमकर पिटाई की गयी, जिसमें उसका एक पैर टूट गया। गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टर द्वारा पैर का ऑपरेशन किया गया। इस मामले में मोतीगंज पुलिस ने घटना के दूसरे दिन यानी 22 दिसंबर को एफआईआर दर्ज किया। हद तो तब हो गई जब आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न करने वाली पुलिस ने वारदात के 15 दिन बाद 5 जनवरी को पीड़ित पक्ष पर भी मुकदमा दर्ज कर दिया। पंद्रह दिन बाद दूसरे पक्ष की तरफ से क्रास केस दर्ज करना मोतीगंज पुलिस के गले की फांस बन गया है।
बताते चलें कि जब से इंस्पेक्टर अनीता यादव को मोतीगंज थाने का प्रभारी निरीक्षक बनाया गया है, तब से वह अपनी कार्यशैली को लेकर लगातार सुर्खियों में हैं। सूत्र बताते हैं कि अनीता यादव पर सीओ सदर शिल्पा वर्मा की मेहरबानी है।
यही वजह है कि तमाम मामलों में जांच तक नहीं हो पाती है। जब कोई मामला या शिकायत पुलिस अधीक्षक अथवा डीआईजी के यहां पहुंचती है तो थाना प्रभारी निरीक्षक अनीता यादव के साथ ही सीओ सदर शिल्पा वर्मा द्वारा भी उच्चाधिकारियों को गुमराह कर दिया जाता है और मामलों में कार्रवाई शून्य हो जाती है। जिससे पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता है।
कई मामले आए सामने
ऐसा ही मोतीगंज थाना क्षेत्र के विद्यानगर ककरहवा गांव निवासी भारत वर्मा के मामले में भी हुआ। दिसंबर माह की 21 तारीख को गांव के ही विपक्षी सुनील वर्मा पुत्र राजेन्द्र वर्मा व चिंताराम पुत्र सरजू प्रसाद वर्मा ने मारा-पीटा जिसमें भारत वर्मा का पैर टूट गया तथा शरीर में अन्य जगह चोटें आईं। पीड़ित को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पैर का ऑपरेशन किया गया।
वहीं दूसरी तरफ इस मामले में मोतीगंज पुलिस ने सावित्री देवी पत्नी भारत वर्मा द्वारा दी गई तहरीर पर 22 दिसंबर को दोनों आरोपियों पर धारा 115(2), 117(2), 352 व 351 बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया लेकिन आगे की कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया। कार्रवाई न होने से दबंगों के हौसले बुलंद हो गए और उन्होंने पीड़ित पक्ष पर सुलह के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। आरोप है कि सुलह के लिए धमकी भी दी गई।
पीड़ित पक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
पीड़ित पक्ष का कहना है कि अपने मंसूबे में नाकामयाब रहने पर आरोपियों ने मोतीगंज पुलिस से साठगांठ कर घटना के 15 दिन बाद 5 जनवरी को भारत वर्मा समेत चार लोगों के खिलाफ धारा 115(2), 352, 351(2), 351(3) व 126(3) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया। पीड़िता का आरोप है कि विपक्षी पुलिस की शह पर सुलह का दबाव बना रहे हैं। इसके साथ ही धमकी भी दे रहे हैं। ऐसे में पूरा परिवार दहशतज़दा है। पीड़ित महिला अपने पति भारत वर्मा को लेकर डीआईजी अमित पाठक व पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल के यहां पहुंची और पूरे मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है।
सीएम से मिलकर न्याय की गुहार लगाएगा पीड़ित पक्ष
पीड़ित भारत वर्मा व उसकी पत्नी सावित्री देवी का कहना है कि यदि उसे डीआईजी और एसपी से भी न्याय नहीं मिला तो वह परिवार के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर गुहार लगाएगा। पीड़ित पक्ष ने मोतीगंज पुलिस पर विपक्षियों से साठगांठ के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपियों पर कार्रवाई न करना और घटना के 15 दिन बाद उन पर क्रास केस दर्ज कर देना पुलिस की कार्यशैली को खुद कटघरे में खड़ा करता है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
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