Gonda News: फिर सिंह इज किंग बने कीर्तिवर्धन, दबदबा कायम

एआर उस्मानी /संदेश वाहक, गोण्डा। केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया एक बार फिर वृहस्पतिवार को जिले में सम्पन्न हुए सहकारी गन्ना विकास समितियों के चुनाव में सिंह इज किंग बनकर उभरे और अपना दबदबा कायम रखा। वहीं दूसरी तरफ इस चुनाव को लेकर भाजपा के एक गुट द्वारा चली गई शतरंजी चाल भी चारो खाने चित्त हो गयी।

बताते चलें कि सहकारी गन्ना विकास समिति, गोण्डा के चेयरमैन पद के चुनाव को लेकर भाजपा में चल रही गुटबाजी व अंतर्कलह उस समय खुलकर सामने आ गयी, जब चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करते हुए सदर विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री को चिट्ठी लिखकर घोषित किए गए प्रत्याशी पर पुनर्विचार करने की मांग कर डाली। इतना ही नहीं, विधायक ने पार्टी गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए जिला संगठन पर ही ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप मढ़ दिया था।

विधायक ने ब्राह्मण समाज को नजरंदाज करने का आरोप लगाते हुए संगठन महामंत्री को पत्र लिखा जिसमें कहा गया कि कर्नलगंज में गन्ना समिति के अध्यक्ष पद पर भाजपा द्वारा प्रत्याशी नहीं उतारा गया, बल्कि समाजवादी पार्टी के एक नेता को निर्विरोध चुने जाने का अवसर प्रदान कर दिया गया है। सदर विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि गन्ना समितियों के चुनाव में जातीय संतुलन को नज़र अंदाज़ किया गया है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज और अन्य वर्गों का प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है, जबकि देवीपाटन मंडल में ब्राह्मण समाज का बड़ा हिस्सा है। विधायक ने आरोप लगाया था कि जिला भाजपा संगठन ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर सहकारी गन्ना समितियों के चुनाव की प्रक्रिया चलाई और भाजपा के पदाधिकारियों ने क्षेत्रीय नेताओं से बिना सलाह-मशविरा किए ही प्रत्याशी चुन लिए।

सदर विधायक ने तो यहां तक कह डाला कि अगर इस पर पुनर्विचार नहीं किया गया तो पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों में नुकसान हो सकता है। वैसे सर्वविदित है कि जिले में पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह का गुट हमेशा गोण्डा सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया का विरोधी रहा है। मुजेहना ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भी इस गुट ने भाजपा द्वारा घोषित प्रत्याशी का समर्थन करने के बजाय अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया था। हालांकि राजा भैया पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशी को जिताने के लिए जी-जान से जुटे रहे और उन्होंने जीत हासिल कराकर भाजपा का झंडा बुलंद किया था। आज सम्पन्न हुए सहकारी गन्ना विकास समितियों के चुनावों में भी वही पटकथा दोहराई गई। राजा भैया द्वारा पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में स्टैंड करने के बाद विरोधी खेमा चारों खाने चित हो गया, जिससे भाजपा के साथ ही केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया का भी दबदबा कायम रहा।

गन्ना समिति चुनाव के बहाने सामने आई गुटबाजी

वैसे तो गोण्डा सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह में छत्तीस का आंकड़ा रहा है। इसके बावजूद राजा भैया ने दोनों विधानसभा चुनावों में प्रतीक भूषण के लिए प्रचार किया और वोट दिलाया। हालांकि, पूर्व सांसद का खेमा हमेशा उनके विरोध में खड़ा नजर आया। यहां तक कि जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत के साथ ही अन्य चुनावों में भी पूर्व सांसद के गुट ने पार्टी गाइडलाइन से इतर काम किया। यहां तक कि पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशी के खिलाफ अपना कैंडिडेट उतार दिया।

इस बार सहकारी गन्ना विकास समितियों के चुनाव में भी वह अपने मनमाफिक उम्मीदवार चाहते थे लेकिन पार्टी हाईकमान ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया जिससे उनके विधायक पुत्र प्रतीक भूषण सिंह खुलकर विरोध में आ गए। अब पार्टी के निर्णय के विरूद्ध सदर विधायक प्रतीक भूषण द्वारा आवाज बुलंद करने को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है और लोगों द्वारा तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

ये भी पढ़ें – Gonda News : बहराइच हिंसा को कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, कहा-नहीं होनी चाहिए ऐसी घटनाएं

Get real time updates directly on you device, subscribe now.